जंगल के अंदर खेती है और वहां जंगली सूअर आकर नुकसान करते हैं,
ग्राम सोना मटका, पंचायत चीनामेटपल्ली, मंडल बियारपुरम, जिला अलुर सीतारामराजू, आंध्र प्रदेश से सोडी लक्ष्मण जी बता रहे हैं वहां 60 घर हैं जो छत्तीसगढ़ से आकर सोना मटका गांव में घर बना कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उनका जंगल के अंदर जमीन है जहां पर खेती करते हैं। और वहां जंगली सूअर लगे फसल को खाते है। रात मैं खेत में सोना पड़ता है नहीं सोने से पूरा फसल नुकसान कर देंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर:7901060577,
Posted on: Nov 06, 2022. Tags: ALURSITARAMRAJU AP BULTOO FARMING PROBLEM RADIO VALASA VIYARPURAM
अड़मापारा, कोडेनार से आयते अपने खेती का तरीका बता रही हैं...
अड़मापारा, ग्राम पंचायत-कोडेनार, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से आयते बता रही हैं कि उन्होंने अभी खेत में धान बोए हैं। उसके बाद घर के बाड़ी में मक्का बोने का सोच रहे हैं। कुछ दिन के बाद वे धान में घास खीचेंगे। फिर मई-जून के महीने में धान कटाई करेंगे। फिर जैसे गर्मी का मौसम आता है तो काम भी बदलता जाता है।
Posted on: Dec 11, 2021. Tags: AAYTE ADMAPARA AGRICULTURE BASTANAR BASTAR CG FARMING KODENAR STORY
किलेपाल से सामुराम जी अपनी खेती के गुर साझा कर रहे हैं...
कमलुपारा, ग्राम पंचायत- किलेपाल नं. 1, ब्लाक- बास्तानार, जिला- बस्तर (छतीसगढ़) से सामुराम बारिश के फसल के बारे में बता रहे हैं। केवल बारिश पे निर्भर हो कर ही धान की फसल लगाई जाती है। जिस किस्म की धान यह लगाते हैं, अगर बारिश अच्छे से नहीं होती तो इसकी फसल अच्छी तरह नहीं पक पाती। धान के अलावा कोसरा व तिल्ली भी बोया जाता है। बारिश कम होने की वजह से वे मक्का नहीं बोते हैं। संपर्क@ 6268973790.
Posted on: Oct 24, 2021. Tags: AGRICULTURE BASTANAR BASTAR FARMING KILEPAL SAAMURAM
धान और श्रम का मुद्रा के रूप में इस्तेमाल और प्रतिदान आज भी सुदूर इलाकों में जीवित...
कासपारा, ग्राम पंचायत- मिचनार न. 1, ब्लॉक- लोहांडीगुड़ा, जिला- बस्तर, छत्तीसगढ़ से मोटूराम सोड़ी बता रहे हैं कि कैसे सुदूर इलाकों में लोग आज भी धान और श्रम को मुद्रा के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीण इलाकों में वजन का मापदंड होता है एक औसत आकार का डब्बा, जिसे कि पहली कहा जाता है। धान कटाई के बाद लोग आधी उपज सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पे बेचने के बाद बचे हुए आधे उपज को अपने घरों में बैंक की तरह रखते हैं। साल में जब जितनी आवश्यकता हो, वे उतना धान दुकान में बेच कर अपनी जरूरत पूरी करते हैं। खेती के समय दूसरों को श्रम के एवज में भुगतान पैसे, धान व प्रतिदान श्रम के रूप में किया जाता है। संपर्क नंबर@7587498298
Posted on: Oct 05, 2021. Tags: AGRICULTURE BASTAR CG CURRENCY FARMING LABOUR LOHANDIGUDA MICHNAR MOTURAM SODI
गुड़ियापारा से तुलसीराम देसी खेती के तरीके साझा कर रहे हैं...
बामन पुजारीपारा, गुड़ियापारा, ग्राम पंचायत- बड़े किलेपाल 2, ब्लाक- बास्तानार, जिला- बस्तर (छत्तीसगढ़) से तुलसीराम अपने खेत के फसल के बारे में बता रहे हैं। बीज संरक्षण का तरीका, फसल में गोबर खाद व देसी खेती के बारे में विवरण दे रहे हैं। वे बता रहे हैं कि अपने खेत में स्वयं व गायों से हल चलाया जाता है। इस मोसम में धान के आलावा कोदो भी लगाते हैं।