पीड़ितों का रजिस्टर: नक्सलियों के डर से उन्हें गांव छोड़कर आना पड़ा, कृपया मदद करें...
ग्राम-कन्हारपारा, जिला-नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से मनोज कुमार पोड़ीयाम बता रहे हैं, बता रहे हैं 2016 में नक्सलियों ने उनके छोटे भाई को CID को सपोट करते हैं बोल के मार दिए फिर वे लोग नक्सलियों के डर से अपना गांव छोड़कर नारायणपुर में रह रहे हैं, अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क नंबर@9406055668. GT
Posted on: May 11, 2021. Tags: CG DISPLACED KILLED MANOJ PODIYAMI MAOIST NARAYANPUR VICTIM VICTIMS REGISTER
राशन कार्ड के लिये आवेदन देते हैं लेकिन निरस्त हो जाता है...
ग्राम-शांति नगर, जिला-नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से मनोज कुमार कोर्राम बता रहे हैं, इससे पहले वे कन्हारपारा में रहते थे| मनोज और उनके भाई का राशन कार्ड नहीं बना है, कई बार आवेदन दे चुके हैं लेकिन निरस्त हो जाता है| इसलिये मनोज सीजीनेट के श्रोताओं से निवेदन कर रहे हैं कि दिये नंबर पर संपर्क कर राशन कार्ड बनवाने में मदद करें: संपर्क नंबर@9406055668. (188059)
Posted on: May 11, 2021. Tags: CG MANOJ KORRAM NARAYANPUR PDS PROBLEM RATION CARD
बलिहार गुरु अपने, गोविंद दीयो बताय..भजन-
मैनपुरी, उत्तरप्रदेश से मनोज कुमार भजन सुना रहे हैं:
गुरु गोविंद दोऊ खड़े-
काके लागू पाये-
बलिहार गुरु अपने-
गोविंद दीयो बताय...
Posted on: Mar 07, 2021. Tags: MAINPURI MANOJ KUMAR SONG UP
वनांचल स्वर: जड़ी बूटी के बारे में बता रहें-
ग्राम-मोदे, ब्लॉक-भानुप्रतापपुर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से वैद्यराज मनोज कुमार पटेल बताते हैं कि वह किस-किस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल कर मरीजों का इलाज करते हैं। उनका परिवार यह काम पीढ़ी दर पीढ़ी करता आ रहा है। वह जनता के लाभ के लिए यह काम निःशुल्क कर रहे हैं। निमोनिया, चर्म रोग संबंधी घाव, खुजली जैसे छोटे-मोटे रोगों का इलाज में जंगल से जड़ी-बूटी लाकर करते हैं। व्यवसायीकरण और बाज़ारीकरण के कारण बहुत सी जड़ी बूटियां विलुप्त हो गयी हैं|
Posted on: Feb 22, 2021. Tags: KANKER CG MANOJ PATEL VANANCHAL SWARA
वनांचल स्वर: परंपरागत खेती की आज की खेती से तुलना करते हैं...
ग्राम-मोदे, ब्लॉक-भानुप्रतापपुर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से मनोज कुमार पटेल परंपरागत खेती की आज की खेती से तुलना करते हैं। मोदे गाँव में पहले परांपरगतढंग से खेती का प्रचलन था। यह इलाका नदी किनारे बसावट वाला है। यहाँ जंगल से आने वाला पानी जमीन में बैठकर जमीन को उपजाऊ बना चूका है। यहाँ खेती करने के लिए किसी प्रकार की खाद की आवश्यकता नहीं पड़ती थी। मनोज के पूर्वज जमीन से पानी निकालने के लिए लकड़ी का ‘टेढ़ा’ बनाते थे। परन्तु आज खेती करने वाले लोग खाद का इस्तेमाल करते हैं। मनोज के मुताबिक इसका कारण यह हो सकता है कि देशी बीज के इस्तेमाल में कमी आई है। आधुनिकरण के कारण किसान अब कम समय में ज्यादा खेती करना चाहते हैं। सम्पर्क:- 9479070321, 6268684544 (185674) GT