Chainpur Bultoo (Bluetooth) Radio in Sadri language : 4th August 2018...
Today Raju Rana is presenting Bultoo Radio in Hindi and Sadri languages in this latest edition of Bultoo radio discussing issues from Gumla district in Jharkhand . Villagers use their mobile phones to record these songs and reports. They call 08050068000 to record. Now this program can be downloaded by people from their Gram Panchayat office if it has Broadband or from a download center nearby. They can also get it from someone nearby with smartphone and internet and then via Bluetooth.
Posted on: Aug 04, 2018. Tags: BULTOO GUMLA HINDI JHARKHAND RAJU RANA SONG VICTIMS REGISTER
सब को बुलाते हैं भैरो बाबा, सब को बुलाते हैं भैरो बाबा...प्रार्थना गीत
ग्राम-गोरठी, तहसील-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखण्ड) से नेहा कुमारी, राधा कुमारी, मुनीता कुमारी, नीलम ईक्का, अनीता और मनीषा कुमारी एक प्रार्थना गीत सुना रहे हैं :
सब को बुलाते हैं भैरो बाबा, सब को बुलाते हैं भैरो बाबा-
सबका भलाई करे मेरे राम जी, सीता राम जी श्री राम जी-
कोई-कोई बुलावा आवे कोई बे बुलावा-
जय-जय दो बुलावा आवे ओही किस्मत वाला-
जय राम सियाराम जय-जय राम...
Posted on: Aug 03, 2018. Tags: GUMLA JHARKHAND RANO WADDE SONG VICTIMS REGISTER
कर्तिक बाबा मर गयेला रे आदिवासी टुवर भेला...आदिवासी गीत
ग्राम-किर्तोटोला, ग्राम पंचायत-बेंदोरा, प्रखंड-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखंड) से मीना तिर्की एक लोकगीत सुना रही है जिसमे “कार्तिक बाबा” जो एक आदिवासी थे उनके बारे में है जिनके मरने से आदिवासी अनाथ हो गये, अगर वो होते तो उनका प्रदेश झारखण्ड आजाद हो जाता:
कर्तिक बाबा मर गयेला रे-
आदिवासी टुवर भेला-
चला सेवा नान तोरा-
जीनुमी बीरो नम्यरा जी सुंदर माँ-
नोका नामे देश सुन्दर मानो-
कर्तिक बाबा मर गयल रे...
Posted on: Jul 22, 2018. Tags: GUMLA JHARKHAND MEENA TIRKI SONG VICTIMS REGISTER
हमारे गांव का नाम लोरंबा कैसे पड़ा: एक गाँव की कहानी...
ग्राम-लोरंबा, पंचयात-छिछवानी, प्रखण्ड-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखण्ड) से उर्बाना किंडो, लिबिन बडा, केड़वार मिंज, धीरम लकड़ा और जेम्स मिंज गांव के नाम की कहानी बता रहे हैं कि उनके गांव में कई साल पहले एक सरकारी अधिकारी आया था, उसने एक आम के नीचे बैठी वृद्ध महिला से गांव का नाम पूछा, जिस पर महिला बहरी होने के कारण ठीक से सुन नही पाई और आम का नाम बता दिया, जो लोड़हाअंबा था जिसे अधिकारी ने दस्तावेज में लिख दिया बाद में नाम बदलकर लोरंबा हो गया, तब से इस गांव का नाम लोरंबा है, ये कहानी उन्होंने अपने पूर्वजों से सुनी थी|अंकित पडवार@7646885478.