किसिम किसिम के नवा-नवा धान, वोला खाके गवाबो प्राण...छत्तीसगढ़ी कविता-

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक कविता सुना रहे हैं :
किसिम किसिम के नवा-नवा धान, वोला खाके गवाबो प्राण-
लुचाई गुरमटिया बछा भोग, ये जम्मो ला लागिस रोग-
भाठा दुबराज लक्ष्मिभोग, येमन ला छोड़ेन आज के लोग-
सफरी, भाठा सफरी, जौफूल ओला हमन गए हन भूल-
तुलसी फूल, तुलसी गुरमंजरी गुरमटिया
बुडहा, बूढी, कोड़ा सिराकार, वोला ले गईस पलरिया बुखार...

Posted on: Aug 16, 2018. Tags: CHHATTISGARHI KANHIYALAL PADIYARI POEM RAIGARH CHHATTISGARH SONG VICTIMS REGISTER

मै उपजाऊ हूँ पर तुम्ही बंजर बना रहे हो...कविता-

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक कविता सुना रहे हैं :
मै उपजाऊ हूँ पर तुम्ही बंजर बना रहे हो-
अनेको प्रकार के रासायनिक खाद डालकर, मेरे सीने को छलनी किए जा रहे हो-
मै समतल हूँ मुझे खोदकर, उबड़ खाबड़ दुर्गम किए जा रहे हो-
मेरे भीतर रासायनिक पदार्थ निकालकर मेरे पेट फाड़े जा रहे हो-
मेरे ऊँचे-ऊँचे पेड़ पौधो को काटकर, मुझे विनाश किए जा रहे हो-
मै निर्जीव नही हूँ मै तो सजीव हूँ-
इसीलिए तो मै भिन्न-भिन्न वस्तुएं अन्न पैदा करती हूँ...

Posted on: Aug 15, 2018. Tags: KANHIYALAL PADIYARI POEM RAIGARH CHHATTISGARH SONG VICTIMS REGISTER

सावन की महीना पवन मारे झकझोर...व्यंग्य गीत-

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडीयारी एक व्यंग्य गीत सुना रहे हैं :
सावन की महीना पवन मारे झकझोर-
जियरा मोरे डोले गांव शहर में चोर-
राम गजब आये ये बेशरम चोर-
पुलिस वाले भईया संभालो गांव शहर के बाग़ डोर-
तुम्ही हो खेवईया ना चले किसी का जोर-
सावन का महीना पवन मारे झकझोर...

Posted on: Aug 14, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIYARI RAIGARH CHHATTISGARH SONG VICTIMS REGISTER

सावन महीने में अमावस्या के दिन त्यौहार के रूप में घर, गली आदि सभी जगह की सफाई की जाती है...

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी बता रहे हैं, सावन महीने के अमावस्या के दिन घर, गली सभी जगह की साफ सफाई की जाती है, देवी देवताओं की पूजा कर मनौती करते हैं, आज के दिन पौधे लगाने चाहिए, उनके गांव में इस त्योहार को विशेष रूप से मनाया जाता है, लोग पूजा स्थल पर पूजा करते और नारियल प्रसाद, मदार, बेल पत्ती अदि चढ़ाते है, उनकी मान्यता है कि इस प्रकार कार्य करने से देवी देवता और प्रकृति खुश रहती है |इस तरह के त्यौहारों का न सिर्फ धार्मिक बल्कि प्राकृतिक महत्त्व भी है जिसको हमें समझना चाहिए और इस तरह की स्वस्थ परम्पराओं को समझ बनाकर औरो को समझाना चाहिए जिससे यह त्यौहार और अधिक मनाया जाए

Posted on: Aug 13, 2018. Tags: CULTURE KANHIYALAL PADIYARI RAIGARH CHHATTISGARH SONG VICTIMS REGISTER

पेड़ो के झुरमुटो से आती है पैगाम, मैं शांति की प्रतीक हूँ मुझसे ही तुम महान...कविता-

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक कविता सुना रहे हैं :
पेड़ो के झुरमुटो से आती है पैगाम-
मैं शांति की प्रतीक हूँ मुझसे ही तुम महान-
मुझसे तुम हो महान, तुमसे मै नही-
मै तो प्रकृति की देन हूँ,
पवन मुझे उबलाती है, पवन मुझे उठाती है-
पवन के झोको से बिखरकर, अपने आप उग आती हूँ...

Posted on: Aug 13, 2018. Tags: KANHIYALAL PADIYARI POEM RAIGARH CHHATTISGARH SONG VICTIMS REGISTER

« View Newer Reports

View Older Reports »

Recording a report on CGNet Swara

Search Reports »


YouTube Channel




Supported By »


Environics Trust
Gates Foundation
Hivos
International Center for Journalists
IPS Media Foundation
MacArthur Foundation
Sitara
UN Democracy Fund


Android App »


Click to Download


Gondi Manak Shabdkosh App »


Click to Download