आप पार्टी मा आओगा संगी आमा ला हम खाबो...कविता

ग्राम-तमनार, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक कविता सुना रहे हैं :
आप पार्टी में आओगा संगी आमा ला हम खाबो-
आमा ला खा के संगी देश ला बचाबो-
दुनिया ला बसाबो गा संगी दुनिया ला बसाबो-
दुनिया ला बसका के संगी भ्रष्टाचारी ला मार भगबो-
भ्रष्टाचारी ला भगाके संगी दुनिया ला बचाबो-
दुनिया ला बचा के संगी नवा दुनिया आनबो-
नवा दुनिया ला आन के संगी महगाई ला भगाबो...

Posted on: Mar 06, 2018. Tags: KANAHIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

कोने ददा लाने मोर रिंगी-चिंगी लुगरा रे सुवना...सुवा गीत

ग्राम-तमनार,जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैया लाल पड़ीहारी छत्तीसगढ़ी भाषा में एक सुवा गीत सुना रहे हैं:
कोने ददा लाने मोर रिंगी-चिंगी लुगरा रे सुवना-
कोने भौजी तिन्दे लुगरा न रे सुवना-
कोने भौजी तिन्दे लुगरा-
कोने ददा लाने मोर बारी के करेला ला रे सुवना-
कोने भौजी रांधे केला के साग-
बड़े ददा लाने मोर बारी के करेला ला रे सुवना-
छोटे भौजी रांधे करेला के साग न रे सुवना-
बड़े भौजी रांधे केला के साग-
कोने ददा लाने मोर रिंगी-चिंगी लुगरा रे सुवना...

Posted on: Mar 05, 2018. Tags: KANHAIYA LAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

मुझे कृष्ण रंग है प्यारा, मुझे श्याम रंग ने दुलारा...होली गीत

तमनार, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक गीत सुना रहे हैं :
मुझे कृष्ण रंग है प्यारा, मुझे श्याम रंग ने दुलारा-
खेलो कृष्ण रंग की होली, मरो श्याम रंग पिचकारी-
बोलो प्रेम प्यार की बोली, करो प्रेम प्यार से ठोली-
भर लो प्रेम प्यार से झोली, खेलो कृष्ण रंग की होली-
मुझे कृष्ण रंग है प्यारा, मुझे श्याम रंग ने दुलारा...

Posted on: Mar 01, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

जाड हर कैसे सताथे देख तो गा संगी जाड हर कैसे सताथे...ठण्ड पर छत्तीसगढ़ी कविता -

तमनार, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी छत्तीसगढ़ी भाषा में एक कविता सुना रहे हैं :
जाड हर कैसे सताथे देख तो गा संगी जाड हर कैसे सताथे – गोदरी रजाई हा बईहा ला बलाथे – पानी हर कारा होगे आगी होगे ठगुआ – खटिया ला लात मरीन पैरा होगे भगुआ – बेरा हर ठाड़ होगे डिसना हर नई छोड़य –
काम बूता ठप्प होगे जाड बेर्रा हर नई छोड़े – डोकरा बाबा डोकरी ला थर-थरत कहिथे...

Posted on: Jan 06, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

पुकारी है परोपकारी है नहीं चाहती मान सम्मान...प्रकृति पर कविता-

ग्राम-तमनार, रायगढ़, (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ीहारी एक कविता सुना रहे हैं :
पुकारी है परोपकारी है नहीं चाहती मान सम्मान – सबके ऊपर स्नेह लुटाती ममता मई एक समान – ठौर देती अन्न जल लुटती वो करुणा मई महान – गरीब अमीर सभी के ऊपर दृष्टि रखती एक समान – बहार, पर्वत, नदी, नाला वह संजोकर रखती – समय-समय पर वर्षा बनकर स्वयं बरस पड़ती – पशु पक्षी जलचर नभचर सभी उसी की संतान
सभी को उसने जीने का अधिकार दिया एक समान...

Posted on: Jan 05, 2018. Tags: KANHIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

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