ओ मईया आया तुमरे द्वार हमें चछु दईयो...गीत-
ग्राम-कर्सवारा बुर्जू, पोस्ट-बरोरा, ब्लाक-बगीना, जिला-झांसी (मध्यप्रदेश) से सत्य प्रसाद यादव एक गीत सुना रहे हैं :
ओ मईया आया तुमरे द्वार हमें कछु दईयो-
हम अंधन खो गये हमें पाँव दम खो पाँव मेरे दम खो-
मै नौ दिन आयो धाम, ध्यान मोही दइयो-
हम बहरन दे दै कान हमें कछु दीयों रे...
Posted on: Jun 19, 2019. Tags: JHANSI MP SATYA PRASAD YADAV SONG
गीत गा रहे हैं आज हम, मंजिलो को ढूंढते हुए...
बंटी, जिला- झांसी, उत्तर प्रदेश से एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं – गीत गा रहे हैं आज हम, मंजिलो को ढूंढते हुए
आ गए यहाँ जवां कदम , रागिनी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे हैं आज हम...
इन दिलो में ये उमंग है, की जहां नया बसाएंगे
जिन्दगी का राज आज से, दोस्तों को हम सिखाएंगे
फूल हम नया खिलाएंगे , ताजगी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे हैं आज हम...
बुरा दहेज़ का रिवाज है, आज देश में समाज में
है तवाह आज आदमी , लूट पर टिके समाज में
हम समाज ही बनाएंगे, आदमी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे हैं आज हम...
फिर न रोक सके कोई, दुल्हन पे जोर-जुल्म का न हो निशां
मुस्करा उठे धरा-गगन, हम रचेंगे ऐसी दास्तां
हम वतन को यूं सजाएंगे, रोशनी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे है आज हम...
Posted on: Nov 18, 2014. Tags: Banti Jhansi
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी...
बंटी, ग्राम-दुर्गापुर, जिला-झांसी, (उप्र) से झांसी के ऊपर एक गीत सुना रहे हैं.-
जोई अपुन को है वो काबा, जेई अपुन की काशी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी
सावन भादो गीत सुनावे, कोयल पपीहा मोर
रात समीरा मन को भावे, नोनी लागे भोर
हिलमिल रावे मिलजुल खावे, मठा महेरी बासी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी
ताल-तलैया बाग़-बगीचा, की है जी भरमार
सकरी गलियन में फैले हैं, छोटे-बड़े बाज़ार
इतै फिरंगी पार न पाए, पटके मूड़ हज़ार
नहीं डराने अंग्रेज़न से, चढ़े सैकड़न फांसी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी
जोई अपुन को है वो काबा, अरे जेई अपुन की काशी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी
Posted on: Aug 25, 2014. Tags: banti jhansi
बहुत याद करते हैं शहीदो को हम...
बहुत याद करते हैं शहीदो को हम
बीरो ने साहस का उठाया कदम
खातिर वतन के सर हैं कटाये,
सदा देश भक्ति के गीत गुनगुनाये
वीरोँ ने खाई थी माँ कि कसम
शहीदो कि यादोँ को नहीं हम हैं भूले,
गोलियो को झेला फांसी पे झूले
साहस वीरो कि हुई थी न कम
Posted on: Feb 04, 2014. Tags: Bunty Jhansi
कलियुग बैठा मार कुडंली में जाऊं तो कहाँ जाऊं...
ग्राम- दुर्गापुर, जिला- झांसी से बंटी प्रसाद जी एक भजन गा रहे हैं-
कलियुग बैठा मार कुडंली में जाऊं तो कहाँ जाऊं
अब हर घर में रावण बैठा इतने राम कहाँ से लाऊं ।
दशरथ कौशिल्या जैसे मात -पिता अब भी मिल जाएं
पर राम सा पुत्र मिले ना जो आज्ञा ले बन जाए
भरत, लखन से भाई को मैं ढूढ़ कहाँ से अब लाऊं ।
जिसे समझते हो अपना तुम, जड़ें खोदता आज वही
रामयण कि बातें जैसे लगती हैं सपना कोई ।
तब थी दासी एक मंथरा आज वही घर-घर पाऊँ