गीत गा रहे हैं आज हम, मंजिलो को ढूंढते हुए...

बंटी, जिला- झांसी, उत्तर प्रदेश से एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं – गीत गा रहे हैं आज हम, मंजिलो को ढूंढते हुए
आ गए यहाँ जवां कदम , रागिनी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे हैं आज हम...
इन दिलो में ये उमंग है, की जहां नया बसाएंगे
जिन्दगी का राज आज से, दोस्तों को हम सिखाएंगे
फूल हम नया खिलाएंगे , ताजगी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे हैं आज हम...
बुरा दहेज़ का रिवाज है, आज देश में समाज में
है तवाह आज आदमी , लूट पर टिके समाज में
हम समाज ही बनाएंगे, आदमी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे हैं आज हम...
फिर न रोक सके कोई, दुल्हन पे जोर-जुल्म का न हो निशां
मुस्करा उठे धरा-गगन, हम रचेंगे ऐसी दास्तां
हम वतन को यूं सजाएंगे, रोशनी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे है आज हम...

Posted on: Nov 18, 2014. Tags: Banti Jhansi SONG VICTIMS REGISTER

दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी...

बंटी, ग्राम-दुर्गापुर, जिला-झांसी, (उप्र) से झांसी के ऊपर एक गीत सुना रहे हैं.-
जोई अपुन को है वो काबा, जेई अपुन की काशी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी
सावन भादो गीत सुनावे, कोयल पपीहा मोर
रात समीरा मन को भावे, नोनी लागे भोर
हिलमिल रावे मिलजुल खावे, मठा महेरी बासी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी
ताल-तलैया बाग़-बगीचा, की है जी भरमार
सकरी गलियन में फैले हैं, छोटे-बड़े बाज़ार
इतै फिरंगी पार न पाए, पटके मूड़ हज़ार
नहीं डराने अंग्रेज़न से, चढ़े सैकड़न फांसी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी
जोई अपुन को है वो काबा, अरे जेई अपुन की काशी
दुनिया में है सबसे भईया, प्यारी अपनी झांसी

Posted on: Aug 25, 2014. Tags: SONG VICTIMS REGISTER banti jhansi

बहुत याद करते हैं शहीदो को हम...

बहुत याद करते हैं शहीदो को हम
बीरो ने साहस का उठाया कदम
खातिर वतन के सर हैं कटाये,
सदा देश भक्ति के गीत गुनगुनाये
वीरोँ ने खाई थी माँ कि कसम
शहीदो कि यादोँ को नहीं हम हैं भूले,
गोलियो को झेला फांसी पे झूले
साहस वीरो कि हुई थी न कम

Posted on: Feb 04, 2014. Tags: Bunty Jhansi

कलियुग बैठा मार कुडंली में जाऊं तो कहाँ जाऊं...

ग्राम- दुर्गापुर, जिला- झांसी से बंटी प्रसाद जी एक भजन गा रहे हैं-
कलियुग बैठा मार कुडंली में जाऊं तो कहाँ जाऊं
अब हर घर में रावण बैठा इतने राम कहाँ से लाऊं ।
दशरथ कौशिल्या जैसे मात -पिता अब भी मिल जाएं
पर राम सा पुत्र मिले ना जो आज्ञा ले बन जाए
भरत, लखन से भाई को मैं ढूढ़ कहाँ से अब लाऊं ।
जिसे समझते हो अपना तुम, जड़ें खोदता आज वही
रामयण कि बातें जैसे लगती हैं सपना कोई ।
तब थी दासी एक मंथरा आज वही घर-घर पाऊँ

Posted on: Jan 14, 2014. Tags: Bunty Jhansi

इतनी शक्ति हमें दे न दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना...

इतनी शक्ति हमें दे न दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना...
हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है
सहमा-सहमा-सा हर आदमी है
पाप का बोझ बढ़ता ही जाये
जाने कैसे ये धरती थमी है
बोझ ममता का तू ये उठा ले
तेरी रचना का ये अन्त हो ना...
हम चले...
दूर अज्ञान के हो अन्धेरे
तू हमें ज्ञान की रौशनी दे
हर बुराई से बचके रहें हम
जितनी भी दे, भली ज़िन्दगी दे
बैर हो ना किसी का किसी से
भावना मन में बदले की हो ना...
हम चले...
हम न सोचें हमें क्या मिला है
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाटें सभी को
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा को जब तू बहा दे
करदे पावन हर इक मन का कोना...
हम चले...
हम अन्धेरे में हैं रौशनी दे,
खो ना दे खुद को ही दुश्मनी से,
हम सज़ा पाये अपने किये की,
मौत भी हो तो सह ले खुशी से,
कल जो गुज़रा है फिरसे ना गुज़रे,
आने वाला वो कल ऐसा हो ना...
हम चले नेक रास्ते पे हमसे,
भुलकर भी कोई भूल हो ना...
इतनी शक्ति हमें दे ना दाता,
मनका विश्वास कमज़ोर हो ना..

Posted on: Oct 25, 2013. Tags: Bunty Jhansi

« View Newer Reports

View Older Reports »

Recording a report on CGNet Swara

Search Reports »


YouTube Channel




Supported By »


Environics Trust
Gates Foundation
Hivos
International Center for Journalists
IPS Media Foundation
MacArthur Foundation
Sitara
UN Democracy Fund


Android App »


Click to Download


Gondi Manak Shabdkosh App »


Click to Download