तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे...गजल
जिला मुंगेर (बिहार) से दीपक कुमार एक गजल सुना रहे हैं
तुम्हारे शहर का मोसम बड़ा सुहाना लगे-
मैं एक शाम चुरा लू अगर बुरा ना लगे-
तुम्हारे बस में अगर हो भूल जाओ-
मैं एक शाम चुरा लू अगर बुरा ना लगे-
तुम्हारा शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे...
Posted on: Jan 23, 2023. Tags: BR GAJAL MUNGER SONG
बात पुरानी से दो कदम मै तो चल नहीं सकता हूँ...गजल-
निकेत शर्मा (पंजाब) से एक गजल सुना रहे हैं:
चंद कलि के मुस्कुराने से लख्म जागे-
बात पुरानी से दो कदम मै तो चल नहीं सकता हूँ-
तुम मिल का किसी जाहाने से हम तेरे-
शहर आये हैं मुशाफिर के तरह-
चंद कलि के मुस्कुराने से लख्म जागे...
Posted on: Oct 13, 2022. Tags: GAJAL NIKET SHARMA PANJAB SONG
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है...गजल
कुशीनगर उत्तरप्रदेस से सुकई कुशवाह हूँ मै एक गजल पेश कर रहे हैं
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है-
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है-
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है-
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है-
मुझको तू अपना बना या ना बना तेरी खुशी-
तू जमाने मे मेरी नाम मुहजुबां है मेरी-
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है...
Posted on: Jul 17, 2022. Tags: GAJAL KHUSHINAGAR KUSHWAH SUKAI UPHINDI
जहर खाना मगर दिल लगाना नहीं,हुस्न वालों की गलियों में जाना नहीं..गजल-
शिवा गुप्ता, ग्राम-नैनतरी, (उत्तरप्रदेश) से गजल सुना रहे हैं:
कौन कहता है हम इनके बिन मार जाएंगे हम तो दरिया हैं समुन्द्र मे उतर जाएंगे,
ओ तरस जाएंगे प्यार की एक बूँद के लिए पर हम तो बादल बन बरस जाएंगे किसी और के लिए ,
जहर खाना मगर दिल लगाना नहीं,हुस्न वालों की गलियों में जाना नहीं
ये नजर पर चढ़ा कर गिरा देती है,एक सपना समझकर भूला देते हैं
उनके कहने में बिल्कुल भी आना नहीं ,हुस्न वालों के गलियों में जाना नहीं
मीठे बाते सुनाकर फंसाती है ये जख्म देकर मुस्कुराती है ये| संपर्क नंबर@9760582477.
Posted on: Jun 05, 2022. Tags: GAJAL HINDI NANTRI SHIVA GUPTA UP
ये दीवारों की मिलकर रोना अच्छा लगता है...गजल
राघव, जिला-उमरिया, (मध्यप्रदेश) से एक गजल सुना रहे हैं:
ये दीवारों की मिलकर रोना अच्छा लगता है-
हम भी पागल हो जायेंगे एसे लगता है-
दुनिया याद भरे के हमशे मिलने आते हैं-
शाम ढले मेले आते हैं-
ये दीवारों की मिलकर रोना अच्छा लगता है...