तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है...गजल
कुशीनगर उत्तरप्रदेस से सुकई कुशवाह हूँ मै एक गजल पेश कर रहे हैं
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है-
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है-
तेरे हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है-
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है-
मुझको तू अपना बना या ना बना तेरी खुशी-
तू जमाने मे मेरी नाम मुहजुबां है मेरी-
तू कहीं भी रहे सर पर तेरे रज्जा बस है...
Posted on: Jun 30, 2022. Tags: GAJAL KHUSHINAGAR KUSHWAH SUKAI UPHINDI
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है...गजल-
ग्राम पंचायत-मठियाआलम, जिला-ख़ुशीनगर (उत्तरप्रदेश) से सुकई कुशवाहा एक गीत सुना रहे हैं:
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है-
जैसे तुझको बनाया गया हैं मेरे लिए-
तू अब से पहले सितारों में बसी रही-
तुझे जमी पे बुलाया गया हैं मेरे लिए-
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है...
Posted on: Jun 29, 2022. Tags: GAJAL SONG SUKAI KUSHWAHA UP
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे...गजल
जिला मुंगेर (बिहार) से दीपक कुमार एक गजल सुना रहे हैं
तुम्हारे शहर का मोसम बड़ा सुहाना लगे-
मैं एक शाम चुरा लू अगर बुरा ना लगे-
तुम्हारे बस में अगर हो भूल जाओ-
मैं एक शाम चुरा लू अगर बुरा ना लगे-
तुम्हारा शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे...
Posted on: Jun 14, 2022. Tags: BR GAJAL MUNGER SONG
ये दीवारों की मिलकर रोना अच्छा लगता है...गजल
राघव, जिला-उमरिया, (मध्यप्रदेश) से एक गजल सुना रहे हैं:
ये दीवारों की मिलकर रोना अच्छा लगता है-
हम भी पागल हो जायेंगे एसे लगता है-
दुनिया याद भरे के हमशे मिलने आते हैं-
शाम ढले मेले आते हैं-
ये दीवारों की मिलकर रोना अच्छा लगता है...
Posted on: May 09, 2022. Tags: GAJAL MP UMARIYA
बात पुरानी से दो कदम मै तो चल नहीं सकता हूँ...गजल-
निकेत शर्मा (पंजाब) से एक गजल सुना रहे हैं:
चंद कलि के मुस्कुराने से लख्म जागे-
बात पुरानी से दो कदम मै तो चल नहीं सकता हूँ-
तुम मिल का किसी जाहाने से हम तेरे-
शहर आये हैं मुशाफिर के तरह-
चंद कलि के मुस्कुराने से लख्म जागे...