हर कसम टूट जाये तो मै क्या करूँ...गजल-
ग्राम-मटियालम,जिला-कुशीनगर (उत्तरप्रदेश) से सुकई कुसवाहा एक गजल सुना रहे हैं:
सब को मालूम है की मै शराबी नही-
फिर भी कोई पिलाये तो मै क्या करूँ-
सिर्फ इक बार नजरो से नजरें मिले-
हर कसम टूट जाये तो मै क्या करूँ-
सब को मालूम है की मै शराबी नही...(AR)
Posted on: Feb 28, 2021. Tags: GAJAL
चांदनी रात में बरसात बुरी लगती है...गजल गीत-
नितिन कुमार उत्तर प्रदेश से एक गजल सुना रहे है
चांदनी रात में बरसात बुरी लगती है-
धरती में मेरा हर बात बुरी लगती है-
आग की मोहिनी सूरत बिगाड़ देती है-
बड़े बड़ो को जरुरत बिगाड़ देती है-
गैरो के गिला क्या करे अपने बदल गये...(GM)
Posted on: Feb 28, 2021. Tags: GAJAL SONG NITIN KUMAR UP
हम खुद ही चले जायेंगे तेरा शहर छोंड के...गजल-
ग्राम-मटियालम,जिला कुशीनगर (उत्तरप्रदेश) से सुकई कुसवाहा एक गजल सुना रहे हैं:
ऐसे ना जा खफा होके-
मुह मुझसे मोड़ के-
हम खुद ही चले जायेंगे-
तेरा शहर छोंड के-
जो कुछ भी मैंने पाया हो...(AR)
Posted on: Feb 27, 2021. Tags: KHUSHVAHA KHUSHINAGAR GAJAL SHUKAI
गैरो से गिला क्या करें जब अपने बदल गयें...गजल-
उत्तरप्रदेश से शिवकुमार एक गजल सुना रहे हैं:
गैरो से गिला क्या करें जब अपने बदल गयें-
आइना वही है मगर चहेरे बदल गयें-
मेरी तरफ देख तरस मत खाइये-
घर में बहू के आते ही-
बेटे बदल गयें-
गैरो से गिला क्या करें जब अपने बदल गयें...(AR)
Posted on: Feb 25, 2021. Tags: GAJAL
लकड़ी के मकानों में चिरागे न जलाना...गजल-
उत्तरप्रदेश से शिवकुमार एक गजल सुना रहे हैं:
गम देके रुलाते हो हंसाने नही आते-
ये लोग तो नये हैं-
पुराने नही आते-
लकड़ी के मकानों में चिरागे न जलाना-
लगी आग पडोसी भी बुझाने नही आते-
सूखा है पेंड राह का राही नही आते...(AR)