मोरे मन के सुआ उड़ाय गोरी...दरिया गीत-
ग्राम-डोतमा, जिला-जांजगीर चांपा (छत्तीसगढ़) से संपतलाल यादव एक लोकगीत सुना रहे हैं:
कोयली वो पपीहा बोले-
कुहू कुहू कोयलिया हाये-
मोरे मन के सुआ उड़ाय गोरी तोर-
तोर माया के छैहा डेरा मोला दे देते यार-
पिहू पिहू पपीहा बोले-
कुहू कुहू कोयलिया हाय...
Posted on: Nov 28, 2021. Tags: CG FOLK JANJGEER CHAMPA SAMPATLAL YADAV SONG
कैसे इंद्रावती नदी हुई मिचनार से दूर, क्यूँ पड़ा पहाड़ का नाम मगर पकना, जानिए लोक कथाओं से...
महादेव कश्यप पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र बने रहने वाले मिचनार के प्रसिद्ध मंदिर के पुजारी हैं जो कि ग्राम पंचायत- मिचनार नं. 1, ब्लॉक- लोहांडीगुड़ा, जिला- बस्तर, छत्तीसगढ़ में रहते हैं। वे मिचनार के मगर पकना पहाड़ और इंद्रावती नदी से जुड़ी लोक कथा बता रहे हैं। राजा राहूण, जिनको आदिवासी देवों के राजा मानते हैं, की सभा पहाड़ पे लगती थी। मान्यता है कि जब कालाहांडी से इंद्रावती नदी का उद्गम हुआ, तो एक दैवीय मगर नदी को मिचनार के तरफ दिशा दे रहा था। राजा राहूण की सभा ने यह निर्णय किया की नदी को वहाँ आने से रोकना होगा ताकि तहस नहस होने से बचाया जा सके। राजा राहूण के निर्देश पे उनके सिपाही ने उस दैवीय मगर का वध कर के नदी का रुख मोड़ दिया। इसी कारण आज इंद्रावती नदी मिचनार से ना हो के चित्रकोट से बहती है। और भी कई रोचक कथाएँ सुना रहे हैं महादेव जी...
Posted on: Oct 25, 2021. Tags: CHITRAKOT DEITY FOLKLORE GOD INDRAVATI KALAHANDI MICHNAR
कैसे भूल पाउंगी मै बाबा, सुनी जो तुमसे कहानियां...लोकगीत
जिला-जोंनपुर, (उत्तरप्रदेश) से अब्दुल एक लोकगीत सुना रहे हैं-
बाबुल जो तुमने सिखाया, जो तुमसे पाया-
सजन घर मै चली-
कैसे भूल पाउंगी मै बाबा, सुनी जो तुमसे कहानियां-
छोड़ चली आंगन में मैया, बचपन के निशानियाँ-
ओ मेरी प्यारी बहना सजाये रहना ए बाबुल की गली... (184124) MS
Posted on: Jan 20, 2021. Tags: FOLK SONG VICTIMS REGISTER
राम जी से पूछे जनकपुर के नारी...लोकगीत-
ग्राम-मानापति, पोस्ट-हठापुर, थाना-बासोपति, जिला-मधुबनी (बिहार) दीपक कुमार एक
भोजपुरी लोकगीत सुना रहे हैं:
राम जी से पूछे जनकपुर के नारी-
बतादा बाबुवा-
लोगवा देत काहे गारी बतादा बाबुवा-
ये बूढा बाबा के पकल पकल दाढ़ी...
अपने गीत संदेशो को रिकॉर्ड करने के लिये 08050068000 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं| (AR)
Posted on: Jan 03, 2021. Tags: FOLK SONG
शरण में जीवन जो बिताऊ ने- शरण मा तोरे आओ ने...लोक गीत-
सीजीनेट के साथी प्रदीप रैदास एक बुंदेली लोकगीत सुना रहे हैं:
शरण में जीवन जो बिताऊ ने-
शरण मा तोरे आओ ने-
कृपा बस अपनी मईया की चाऊ ने-
शारदा भवानी तुम हो माँ शेरा वाली-
तुमी मात वैष्णो हो शारदा हो काली-
आशा लगी है मईया, आशा न तोडियो-
जग रूठे मईया मोरी तुम न माँ रुथियो...