कैसे इंद्रावती नदी हुई मिचनार से दूर, क्यूँ पड़ा पहाड़ का नाम मगर पकना, जानिए लोक कथाओं से...
महादेव कश्यप पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र बने रहने वाले मिचनार के प्रसिद्ध मंदिर के पुजारी हैं जो कि ग्राम पंचायत- मिचनार नं. 1, ब्लॉक- लोहांडीगुड़ा, जिला- बस्तर, छत्तीसगढ़ में रहते हैं। वे मिचनार के मगर पकना पहाड़ और इंद्रावती नदी से जुड़ी लोक कथा बता रहे हैं। राजा राहूण, जिनको आदिवासी देवों के राजा मानते हैं, की सभा पहाड़ पे लगती थी। मान्यता है कि जब कालाहांडी से इंद्रावती नदी का उद्गम हुआ, तो एक दैवीय मगर नदी को मिचनार के तरफ दिशा दे रहा था। राजा राहूण की सभा ने यह निर्णय किया की नदी को वहाँ आने से रोकना होगा ताकि तहस नहस होने से बचाया जा सके। राजा राहूण के निर्देश पे उनके सिपाही ने उस दैवीय मगर का वध कर के नदी का रुख मोड़ दिया। इसी कारण आज इंद्रावती नदी मिचनार से ना हो के चित्रकोट से बहती है। और भी कई रोचक कथाएँ सुना रहे हैं महादेव जी...
Posted on: Oct 25, 2021. Tags: CHITRAKOT DEITY FOLKLORE GOD INDRAVATI KALAHANDI MICHNAR
तीन साल से दाई के पद में काम कि नहीं मिला मानदेय ,मानदेय दिलाने में मदद करें
ग्राम पंचायत-मुरका, जिला-चित्रकोट, (उत्तर प्रदेश) से श्री देवी बता रही हैं कि मैं सरकारी अस्पताल मुरका में दाई के पद पर तीन साल से कार्यरत हूँ, मुझे 500 रूपये हर महिना में मिलेगा करके कार्य में लगा दिए हैं, अभी तक मुझे कोई किसी प्रकार कि मजदूरी नहीं मिली है, इसके लिए मै कई बार संबन्धित अधिकारी के पास जाकर निवेदन किया, पर आज कल करके टाल रहें हैं, जिसके कारण मुझे मेरी घर कि आर्थिक स्थिति बिगडती जा रही हैं, इसलिए सीजीनेट के सुनने वाले सभी साथियों से मदद कि मांग कर रहे हैं कि दिए गये नम्बरों में संबधित अधिकारीयों से बात करके मजदूरी दिलाने में मदद करें| विभागीय अधिकारी@7985451183, नर्स@7985573120, संपर्क 9120147114 (184921)