प्रेणना गीत : मानवता के लिए ओ सखी...
ग्राम-बतौली, (छत्तीसगढ़) से पूनम देवांगन (दृष्टिहीन) एक गाना सुना रही है:
मानवता के लिए ओ सखी-
किरण जगानें वाले हम-
शोषित पीड़ित दलित जनों के-
भाग्य जगानें वाले हम-
अपने खून पसीनें से-
वो सर में शान उगा देंगें-
कंकड़ पथर समथल कर के-
काटों में फुल खिला देंगे-
श्शत परिश्रम से अपने के वैभव लाने वाले हम-
मानवता के लिए ओ सखी—किरण जगानें वाले हम....
Posted on: Nov 25, 2019. Tags: CHHATTISGARH POONAM DEWANGAN SONG VICTIMS REGISTER
त्यौहार हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है, बीते पलों की याद दिलाती है...काव्य
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से एक मनकाव्य सुना रहा है:
आज गाँव शहर में चहल-पहल और पूर्णिमा है |आज रक्षाबंधन का दिन वर्ष में एक ही बार आता है |इस दिन बहन अपने भाई के कलाई में राखी बांधकर भाई के लम्बी उम्र का कामना करती है |लडकियां नया पोशाग पहनकर इधर से उधर घूमते रहे हैं| जगह-जगह राखियों और साड़ियों का दूकान सजा है | बहन राखियां और मिठाइयां खरीद रहे हैं|भाई राखी के बदले पैसे और उनकी रक्षा के लिए आशीर्वाद देकर बहन का मन जीत लेता है |इसलिए त्यौहार हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है| क्योंकि यह बीते पलों की याद दिलाती है|
Posted on: May 23, 2019. Tags: CG KANHAIYALAL PADIYARI POEM RAIGARH CHHATTISGARH SONG VICTIMS REGISTER
सो रही थी नन्ही सी जान, दुबक बीच के अन्दर...कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं:
सो रही थी नन्ही सी जान, दुबक बीच के अन्दर
पडी धरती मै ही, जाग उठी उसके अन्दर
खूब भीगी नहाई फूली, आ गई वो बाहर
पली बढ़ी जवान हुई, दिखने लगी वह सुन्दर
कलि बनी फूल बना, फुला फला एक सुन्दर
एक बीज आया एक बीज अपना जैसा , डाली उसके अंधार ...
Posted on: May 22, 2019. Tags: CG CHHATTISGARH KANHAIYALAL PADIYARI POEM SONG VICTIMS REGISTER
फूलों से नित हँसना सीखो- कविता
ग्राम-निल्कंतपुर, ब्लाक-परतापुर, जिला- सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से जगदेव प्रसाद पोया एक कविता सुना रहे है:
फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना
तरु की झुकी डालियों से नित सीखो शीश झुकाना
सीख हवा के झोको से लो, कोमल भाव बहाना
दूध तथा पानी से सीखो, मिलना ओर मिलाना
लता और पेड़ो से सीखो सबको गले लगाना...
Posted on: May 20, 2019. Tags: CG CHHATTISGARH JAGDESH PRASAD POYA POEM SONG VICTIMS REGISTER
जीवन की नैया है बड़ा कमजोर, टूट न जाये लगाओ न जोड़...
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़, (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक कविता सुना रहा है:
जीवन की नैया है बड़ा कमजोर,
टूट न जाये लगाओ न जोड़,
पकड़ी कलाई, समझ कमजोर,
तोडना न सैयां, बंधा हुआ डोर,
खनकती है घुंगरू बंधी है जोड़,
टूट जाये जोड़ी, बिखर जाये ढोर...