देश बटोरी नेता आया सबकी आँखों में सपना छाया...कविता-

मालीघाट, जिला-मुज्जफरपुर (बिहार) से सुनील कुमार पुन्य दर्शन शर्मा जी की रचित कविता सुना रहे हैं :
देश बटोरी नेता आया, सबकी आँखों में सपना छाया-
बोले उसने मीठे बोल, उसकी बातो में सब हो गये गोल-
बोला वह राज की बात, पूरे होंगे तेरे सारे कार्य-
घर होगा पके का, पुवा पकोड़ी बच्चे का-
सस्ता होगा सच्चे का, न की ब्रम्हाण, लोभी, लुच्चे का....

Posted on: Jul 25, 2019. Tags: BIHAR KUMAR MUZAFFARPUR POEM SONG SUNIL VICTIMS REGISTER

मांगी ले हम वरदान, हे गंगा मईया...गीत-

मालीघाट, जिला-मुज्जफरपुर (बिहार) से कांता देवी एक गीत सुना रही हैं :
मांगी ले हम वरदान, हे गंगा मईया-
मांगी ले हम वरदान-
जनकपुर नईहर जइहा-
मांगी ले हम वरदान हो गंगा मईया...

Posted on: Jul 24, 2019. Tags: BIHAR KUMAR MUZAFFARPUR SONG SUNIL VICTIMS REGISTER

पिया बिन सेज मोर सुना हो रामा पिया नहीं आये...गीत-

मालीघाट, जिला-मुज्जफरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक चैतावर गीत सुना रहे हैं :
पिया बिन सेज मोर सूना हो राम-
पिया नहीं आये-
फागुन रंग अबिर नीर बेला-
सरद बसंत बीती जइयो हो रामा-
पिया नहीं आये-
पापी पपीहा पिया-पिया बोले – शब्द सुनै ब ओ रामा, पिया नहीं आये...

Posted on: Jul 23, 2019. Tags: BIHAR MUZAFFARPUR SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

वहा ना हिन्दू मरा था न मुस्लमान मरा था...गीत-

ग्राम-मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर, (बिहार) से सुनील कुमार गीत सुना रहे है :
वहा ना हिन्दू मरा था न मुस्लमान मरा था-
वहा मजहब के नाम पर, फ़क्त इन्सान मरा था-
सड़को बहा खून जो, महज सुर्ख लाल था-
ये बता भी न सका की, वहा कौन मरा था-
दंगो के कफन ओड़कर, वहा नाची थी सियासत-
जो उनमे से मरा था कहा सैतान मरा था-
वहा ना हिन्दू मरा था न मुस्लमान मरा था-
वहा मजहब के नाम पर, फ़क्त इन्सान मरा था...

Posted on: Jul 22, 2019. Tags: BIHAR KUMAR MUZAFFARPUR SONG SUNIL VICTIMS REGISTER

लेती नहीं दवाई माँ, जोड़े पाई-पाई माँ...कविता-

मालिघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक कविता सुना रहे है :
लेती नहीं दवाई माँ, जोड़े पाई-पाई माँ-
दुःख थे पर्वत, राई माँ, हारी नहीं लड़ाई माँ-
इस दुनियां में सब मैले हैं, किस दुनियां से आई माँ-
दुनिया के सब रिश्ते ठंडे, गरमा गरम रजाई माँ-
जब भी कोई रिश्ता उधड़े, करती है तुरपाई माँ-
बाबू जी तनख़ा लाये बस, लेकिन बरक़त लाई माँ-
बाबूजी थे सख्त मगर, माखन और मलाई माँ-
बाबूजी के पाँव दबा कर, सब तीरथ हो आई माँ-
नाम सभी हैं गुड़ से मीठे, मां जी, मैया, माई, माँ...

Posted on: Jul 18, 2019. Tags: BIHAR MUZAFFARPUR POEM SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER

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