चले आओ चले आओ... गीत
भीम प्रसाद, बदोही उत्तरप्रदेश से सीजीनेट के श्रोताओं को एक गीत सुना रहे हैं-
चले आओ चले आओ कोई वादा नहीं फिर भी निगाहें राह तकती है-
तुम्हारा ओ हंसी चेहरा कि कैसे भूल सकती है-
चले आओ चले आओ चले आओ चले आओ-
तुम्हारी एक झलक देखी मैं जरदे ख्वाब है ऐसे-
बड़ी प्यारी अबारी की चीज हुई जैसे-
इसी जिद के खातिर तमन्नाएन मचलती है-
संपर्क नंबर@8795505090.
Posted on: Jun 08, 2022. Tags: BHADOHI SONG UTTRPRADESH
चले आओ चले आओ कोई वादा नहीं फिर भी...गीत
भीमप्रसाद जी उत्तरप्रदेस से सीजी नेट के श्रोताओं से गीत सुना रहे है
चले आओ चले आओ कोई वादा-
नहीं फिर भी निगाहें राह ताकती हैं-
तुम्हारा ओ हंसी चेहरा कैसे भूल सकते हैं-
तुम्हारी एक झलक देखी नजर बेताब-
रहती हैं जैसे बड़ी प्यारी हमारी चीज खो गई जैसे-
उसी दीदार के खातिर तमन्नाएं मचलती है जिसे-
मांगा दुआओं में मिला जिसको चाहा ख्यालों में
मिला ओ ख्वाब सच बनके हमे दिन के उजालों में...
Posted on: Jun 07, 2022. Tags: BHIMPRASAD UTTRPRADES HINDI SONG
कौन ऐसा है सौ गवार नहीं आज दिल यूं ही बेकरार नहीं...गीत-
भीम प्रसाद जी उत्तरप्रदेश से सीजी नेट के श्रोताओं को गीत सुना रहे हैं:
कौन ऐसा है सौ गवार नहीं, आज दिल यूं ही बेकरार नहीं, उसका एक बार है मुझको- जिंदगी का एतबार नहीं, आई रात और हुई दर्द का कफन-
जालिम तेरी निगाह से जलता गया कफन, आई है रात और हुई दर्द का कफन-
आई है रात और हुई दर्द का कफन आई न रास हमको तेरी दोस्ती का खून, आए ना तेरे- दोस्ती के खून कहते आते ही चमन बनने लगे फिर मेरा कफन...
Posted on: Jun 01, 2022. Tags: BHIM PRASAD SONG UTTRPRADES
पीड़ितों का रजिस्टर: गांव में बहुत परेशानी हो रही थी, गांव से बाहर नहीं जा सकते थे|
ब्लाक-पखांजूर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से हेतल खोंड़े बता रहे हैं कुछ साल पहले माहलागांव से पखांजूर आकर बस गए| उनके गाँव में नक्सलियों की दहशत थी| पुरुष लोगों गाँव से बाहर नहीं जा सकते थे और ना ही बाजार, सर्फ महिलाओं को बाहर जाने की अनुमति थी| इस स्थिति से तंग आकर इन्होंने अपना मूल गाँव छोड़कर आना पड़ा| उनका कहना है की कुछ जमीन और राशनकार्ड बन जाता तो मदद होती| उन्हें सरकार के तरफ से कोई मदद नहीं मिला है| अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@8816407095.
Posted on: Feb 13, 2022. Tags: CG DISPLACED KANKER MAOIST VICTIM UTTR BASTAR VICTIMS REGISTER
पीड़ितों का रजिस्टर: नक्सलियों के डर से गांव छोड़कर आना पड़ा|
धनसिंग गोटा, ग्राम-मालगाँव छिङपारा, ब्लाक-कांकेर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से अपनी आपबीती सुना रहे हैं| इनका कहना है की नक्सलियों के डर से गाँव छोड़ दिया था|इनके गाँव के लोगों को नक्सली मार रहे थे| इनके गाँव वालों को नक्सलियों ने मारने की धमकी दी गई थी इस डर से गाँव के लोगों ने घर छोड़कर कांकेर मालगांव आकार बस गए| पीड़ितों को मिलने वाली सुविधा में इन्हे अब तक कुछ नहीं मिल पाया है| इनकी सरकार से मांग है की बुनियादी सुविधाओं के साथ जमीन व नौकरी की जरूरत है| कृपया सुविधाओं को दिलाने में इनकी मदद करें| संपर्क नंबर@8319637101.