वनांचल स्वर: वनों और जीव जंतुओ के संरक्षण के लिये प्रयास होना चाहिये...
ग्राम-दमकसा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से निवासी शेरसिंह आँचला बता रहे हैं कि कोयलीबेड़ा गाँव पखांजुर तहसील के अंतर्गत आता है| गाँव के पास से मेढ़की नदी गुजरती है| उसी के पास घोड़ा बेड़ा गाँव है जहाँ पर सागौन के पेड़ पाये जाते हैं| घोड़ा बेड़ा के आगे भामराकोट पहाड़ी है जहाँ पर कुरसेल जल प्रपात है जो एक सुंदर जगह है| वहां पर कई तरह के जानवर पशु, पक्षी पाये जाते थे लेकिन अब वनों की कटाई और उत्खनन आदि के कारण ये सब ख़त्म होते जा रहे हैं इसलिये इनके संरक्षण के लिये प्रयास होना चाहिये |
Posted on: Mar 08, 2021. Tags: CG KANKER SHERSINH ACHALA VANANCHAL SWARA
वनांचल स्वर: जंगल में हर्रा, बहेड़ा, चिरोंजी, बांस, साल, इत्यादि पेड़ पाए जाते हैं...
ग्राम-हाटकर्रा, ब्लॉक-भानुप्रतापपुर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से भोलाराम पटेल बताते हैं कि उनके गाँव से 3 किलोमीटर दूर 6 किलोमीटर की घाटी है। वहां एक मंदिर भी है जहां लोग दर्शन के लिए आते हैं। इस घाटी के अंत में तरांदुल गाँव है। रायपुर, भिलाई तक के लोग यहाँ घूमने आते हैं। घाटी के आस पास के जंगल क्षेत्र से आदिवासी समाज को लाभ है। जंगल में हर्रा, बहेड़ा, चिरोंजी, बांस, साल, इत्यादि पेड़ पाए जाते हैं। सम्पर्क@7722929429.
Posted on: Mar 06, 2021. Tags: BHOLA RAM CG KANKER VANANCHAL SWARA
वनांचल स्वर: कान दांत के दर्द की औषधि...
ग्राम-हिटारकसा, ब्लॉक-भानुप्रतापपुर, जिला-उतर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से वीर सिंह पटेल बताते हैं कि उन्हें जंगल से औषधि मिलती है। वीर सिंह पटेल एक परंपरागत वैद्य हैं। जंगल से उन्हें कान के दर्द और दांत के दर्द की दवाई मिलती है। छीन्द के पेड़ की छाल कान दर्द के इलाज के लिए शर्तिया दवाई है। उसे कूट कर लगाने पर सूजन भी कम हो जाती है।
Posted on: Mar 06, 2021. Tags: CG KANKER VANANCHAL SWARA VEERSINGH PATEL
वनांचल स्वर: सभी जातियों के मिलके रहने से ही एक गांव बनता है...
ग्राम-धनेलीकन्हार, तहसील- कोरर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से समधार नरेटी (ग्राम पटेल) बताते हैं कि जंगल से उनका अटूट रिश्ता है। उनके समुदाय के तीज त्यौहारों एवं रहन-सहन का जंगल से अलग ही जुड़ाव है। इसी कारण आदिवासी लोग कहते हैं कि जंगल ही हमारा जीवन है। उनके गांव में अनेक जाति के लोग रहते हैं। वह बताते हैं कि सब जाती के लोग मिलकर ही एक गांव है। उनके मुताबिक सभी जातियों के मिलके रहने से ही एक गांव बनता है।
Posted on: Mar 06, 2021. Tags: CG KANKER SAMDHAR NARETI VANANCHAL SWARA
वनांचल स्वर: मंदिरों का महत्व और आस्था स्थल जो जंगल पहाड़ो पर है...
ग्राम-दमकसा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) शेर सिंह आँचला जो वनों पर शोध करते हैं, हमारे पूर्वजो ने हमें जो भी सिखाया है हम उसी को बढ़ाना और बचाना चाहते हैं। आस्था स्थल जो पहाड़ो पर है वो चमत्कारी है, रहस्यमयी है। तंत्र मंत्र और मंदिर के आधार पर मानते हैं। शोनादायी में एक गुफा है उसमें पानी अभी भी रहता है। दंतकथाएं प्रसिद्ध हैं, शोणखामिन माता का मंदिर है जो जल,वन और पर्वत से संबंध रखती हैं, अभी वहां माघी मेला लगा था। और भी कई मंदिर है पहाड़ो पर माता के प्राचीन समय पर राजाओं कि जब भी लड़ाई होती थी तो पूजा होती थी। पेड़ो पर जो मंदिर है उसमें महुआ का भी पेड़ है जिसमे से दूध निकलता है जिसको माता का दूध भी मानते हैं, इसलिए इसकी महत्वता अधिक है। महुआ का फूल सूखने के बाद भी नही सड़ता। महुआ बहुत ही उपयोगी है। बस्तर में इसी वजह से इनका बहुत महत्त्व है। (185825) GT