सिर बांधे मुकुट खेलयें होली...होली गीत-
ग्राम-धनहा,जिला-सीधी (मध्यप्रदेश) से संदीप कुमार कुसवाहा एक होली गीत सुना रहे हैं:
सिर बांधे मुकुट खेलयें होली-
पहली होली बृन्दावन में खेलयें-
राधा और कृष्णा की है जोड़ी-
दूसरी होली अयोध्या में खेलयें-
सीता और रामा की है जोड़ी-
सिर बांधे मुकुट खेलयें होली...(AR)
Posted on: Mar 28, 2021. Tags: HOLI SONG KUSWAHA MP SANDIP KUMAR SIDHI
कौन रंग मुंगवा कौन रंग मोतिया...गीत-
ग्राम-धनहा, जिला-सीधी, मध्यप्रदेश से संदीप कुमार कुसवाहा एक गीत सुना रहे हैं:
कौन रंग मुंगवा कौन रंग मोतिया-
कौन रंग न-
ननदी तोहरे बिरनवा कौन रंग न-
कौन रंग न-
हरे रंग मुंगवा सफेद रंग मोतिया-
कौन रंग न... (AR)
Posted on: Mar 27, 2021. Tags: MP SANDIP KUSWAHA SIDHI SONG
बोल सको तो मीठा बोलो...कविता-
ग्राम-धनहा, जिला-सीधी (मध्यप्रदेश) से रमेश कुमार कुसवाहा एक कविता सुना रहे हैं:
बोल सको तो मीठा बोलो-
कडुवा बोलना मत सीखो-
कमा सको तो पुन्य कमाओ-
पापा कमाना मत सीखो-
लगा सको तो पेड़ लगाओ-
आग लगाना मत सीखो-
जला सको तो दीप जलाओ-
ह्रदय जलाना मत सीखो-
मिटा सको तो अहंकार मिटाओ-
प्यार मिटाना मत सीखो...
Posted on: Mar 08, 2021. Tags: MP POEM RAMESH KUMAR SIDHI
Impact : मेरा राशन कार्ड नहीं बन रहा था, सीजीनेट में रिकॉर्ड होने के बाद बन गया है..
ग्राम-धुम्मा,पोस्ट-बघऊ, तहसील-चुरहट, जिला-सीधी (मध्यप्रदेश) से रामराज पटेल बता रहा है की उनके राशन कार्ड बहुत दिनों से नही बना था | जिसे सरपंच सचिव को भी आवेदन दिए थे, किन्तु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नही किये राशन कार्ड नही बना था उसके लिए उन्होंने पैसे भी खर्च किये 2-3 महिना से आवेदन दे रहे थे डेढ़ साल पहले भी आवेदन दिए थे | फिर भी उनका काम नही हो पा रहा था तो उन्होंने सीजीनेट स्वर में सन्देश रिकॉर्ड किया था जो सीजीनेट सुनने वाले साथियों के मदद से राशन कार्ड बनवाने में मदद किये इसलिए अधिकारीयों को एंव सीजीनेट स्वर सुनने साथियों को धन्यवाद कर रहें है|
Posted on: Aug 01, 2020. Tags: IMPACT RATION CARD RAMRAJ PATEL SIDHI MP SONG VICTIMS REGISTER
गर्व से बोलो वन्देमातरम...गीत-
ग्राम-धनहा, जिला-सीधी (मध्यप्रदेश) से संदीप कुमार कुसवाहा एक गीत सुना रहे हैं:
गर्व से बोलो वन्देमातरम-
तोड़ दी 370 धारा चेहरे पर खुशहाली आई है-
दीप जलाओ खुशी मनाओ-
देश में आज एक और दिवाली आई है-
जो सच्चे हिन्दुस्तानी हैं उनसे हमको बैर नहीं-
सब आश लिये बैठे थे कब खुशियों के दिन आयेंगे-
जो गद्दार छुपे बैठे अब बाहर निकाले जायेंगे... (AR)