पीड़ितों का रजिस्टर: रहने के लिए माकन चाईए

ग्राम:कोकामेट्टा,ग्राम पंचायत: कोकामेट्टा,ब्लॉक:ओरछा,जिला:नारायणपुर,राज्य: छत्तीसगढ़ की जयलाल कवासी(पिता का नाम:कल्यारम कवासी) ने बता रहा है

कि वे 2008 में शांतिनगर (नारायणपुर)आए थे।जयलाल ने कहा कि वे 2008 में कोकामेट्टा से नक्सलियों के डर से शांतिनगर आए थे। उनके पास राशन कार्ड है। उन्हें सरकार से 30 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिली। जयलाल ने कहा कि उनके जीजा (लक्मू) को नक्सलियों ने मार डाला। उनकी बहन रैनी वरदा भी नारायणपुर में रहती हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी और बेटी (अश्वंती) कुल चार लोग रहते हैं।जैलाल ने कहा कि नक्सलियों का डर कम हुआ तो वे अपने गांव (कोकामेट्टा) जाने को तैयार हैं.उनको शांतिनगर में माकन और जमीन सरकार से नहीं है।इसलिए वे सीजीनेट के साथियों से अनुरोध कर रहे है की अधिकारियों से बात करके माकन दिलाने में मदद करें। संपर्क व्यक्ति नंबर:8615407675.

Posted on: Feb 06, 2023. Tags: CG HOUSE KILLED MAOIST NARAYANPUR ORCHHA REGISTER VICTIM

पीड़ितों का रजिस्टर :रहने के लिए घर चाईए

ग्राम: जाटलूर, पंचायत:जाटलूर,ब्लॉक:ओरछा,जिला:नारायणपुर , राज्य:छत्तीसगढ़ की जांगलू वड्डे (पिता जी का नाम:रामुराम वड्डे, मां का नाम: गुड्डी राम वद्दे) बता रहे है की वे अभी शांतिनगर(नारायणपुर) में रह रहे है। जांगलू ने कहा कि वह अपनी बड़ी बहन ओरछा के साथ रह रही थी और जब उसकी बड़ी बहन गर्भवती हो गई तो मदद के लिए अपनी छोटी बहन सुनीता को बुलायी थी। नक्सलियों को शक था कि सुनीता नी उनकी पुलिस के साथ है और उसे मारने के लिए जंगल में ले गए और वह भाग निकली, तब से वे अपने पुराने गांव जटलोर नी को छोड़कर 2010-2011 में शांतिनगर (नारायणपुर) आ गए। जांगलू ने कहा कि उन्हें सरकार से मुआवजे के रूप में 30000 रुपये मिले हैं। उनके पास राशन कार्ड है। उनके पास बस पास नहीं है। उनके पास घर नहीं है। इसलिए वे सरकार से घर चाहते हैं। अब वे सीआरपीएफ कैंप हो तो भी अपने पुराने गांव जाने को तैयार हैं। अब उनके परिवार में पिता और उनकी पत्नी,जुंगलो ने कहा कि वह तीन लोगों के साथ रह रहा है। इसलिए वे सीजीनेट के साथियों से अनुरोध कर रहे है की अधिकारियों से बात करके माकन दिलाने में मदद करें। संपर्क व्यक्ति नंबर:8839417192

Posted on: Feb 05, 2023. Tags: CG DISPLACED HOUSE MAOIST NARAYANPUR ORCHHA REGISTER VICTIM

पीड़िता का रजिस्टर: आर्थिक सहायता दिलाने में मदद करें

कुलेराम गोटा, पिता कैसाराम गोटा, ग्राम अरवेल, पंचायत जाटलुर, ब्लाक ओरछा, जिला नारायणपुर छत्तीसगढ़ से बता रहे हैं 2011 में नक्सलियों के मार के डर से अपना गांव छोड़कर नारायणपुर गुडरीपारा में आकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। सरकार के तरफ से उन्हें कोई भी आर्थिक सहायता नहीं मिला है ना ही कोई आश्वासन दिए हैं। इसलिए सीजीनेट के साथियों से मदद की अपील कर रहे हैं कि सरकार से बात करके आर्थिक सहायता दिलाने में मदद करें। अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर 6266803873.

Posted on: Feb 04, 2023. Tags: CGVICTIM RAJISTAR DISPLACED JOP MOAIST VICTIM NARAYANAPUR ORCHHA

पीड़ितों का रजिस्टर: घर दिलाने में मदद करें..

दुग्गाराम वडडे, पिता कोला वडडे, ग्राम पंचायत जाटलूर, थाना+ब्लाक ओरछा, जिला नारायणपुर छत्तीसगढ़ से बता रहे हैं 2010 में नक्सलियों ने उनके परिवार को गांव से भगा दिए। फिर भी लोग नक्सलियों के मार के डर से अपना जान बचा कर नारायणपुर में आ गए। और अपना जीवन यापन कर रहे हैं सरकार के तरफ से आर्थिक सहायता उन्हें ₹30000 मिला था। उनको सरकार की तरफ से घर नहीं मिला है घर के लिए आवेदन दिए हैं लेकिन अभी तक नहीं मिला है इसलिए सीजिनेट के साथियों से मदद की अपील कर रहे हैं कि दिए गए नंबर पर बात करके समस्या का समाधान कराने में मदद करें अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@7974983752

Posted on: Feb 04, 2023. Tags: CG DISPLACED HOUSE MOAIST VICTIM NARAYANAPUR ORCHHA VICTIM RAJISTAR

पीड़ितों का रजिस्टर:सरकारी नौकरी दिलवाने में मदद करें

ग्राम:चिन्नारी,पंचायत:चिन्नरी,थाना:जारा घाटी ,जिला: नारायणपुर,राज्य: छत्तीसगढ़ की बिरसा पोतायी (पिता जी का नाम: गुत्सान) बता रहे है की वे 2014 में नारायणपुर आए थे। उन्होंने कहा कि उनके छोटे भाई को नक्सलियों ने मार डाला। बिरसा पोथाई ने कहा कि जब बिरसा पोथाई काम कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें लाकर 4 महीने तक थाने में रखा, जिसके चलते उनके छोटे भाई को नक्सलियों ने मार डाला।इसलिए वे नारायणपुर आ गए। उन्हें मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये मिले। सरकारी नौकरी नहीं मिलती। बिरसा पोथाई ने 8वीं तक पढ़ाई की। उन्होंने कहा कि उनके परिवार में कुल चार छोटी बहनें, मां और वह खुद हैं। बिरसा के पिता की मृत्यु हो गई। उनके पास राशन कार्ड है। बस पास के लिए आवेदन किया लेकिन अभी तक बस पास नहीं मिला। बिरसा पोथाई ने कहा कि उन्हें सरकार से घर की जमीन मिली और उसी जमीन पर अपना घर बनाया। उन्होंने कहा कि उनके चाचा के बेटे को दो महीने पहले नक्सलियों ने मार डाले थे इसलिए वे अपने पुराने गांव नहीं जाना चाहता था। उन्होंने कहा कि नक्सलियों का अभी भी डर है और इसलिए वे अपने पुराने गांव नहीं जाना चाहते हैं। बिरसा पोताई अपने परिवार का समर्थन करने के लिए सरकारी नौकरी करना चाहता है, इसलिए बिरसा पोटाई सिगिनेट के सहयोगियों से अनुरोध कर रहा है की अधिकारियों से बात करके उसे सरकारी नौकरी दिलवाने में मदद करें।

संपर्क व्यक्ति नंबर:9301409699.

Posted on: Feb 03, 2023. Tags: CG JOB KILLED MOIST NARAYANPUR ORCHHA REGISTER VICTIM

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