सुंदर-सुंदर प्यारी प्यारी, देखो इस धरती की क्यारी...कविता

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ीयारी एक कविता सुना रहे है:
सुंदर-सुंदर प्यारी प्यारी, देखो इस धरती की क्यारी-
किसी में उगता धान गेंहू, उसी की करो रखवारी-
किसी में उगता चना उड़द, कहीं उगता मूंगफली दाना-
आलू प्याज लहसून कांदा, धरती माता का सुंदर गहना-
कहीं कहीं मौसम्बी आम, अमरूद का बगीचा-
सेंव अंगूर कहीं कहीं, केला और पपीता-
गन्ना भुट्टा रक्सी का, धरती पर है भरमार...

Posted on: May 01, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADHIYARI SONG VICTIMS REGISTER

गाँव गवाई हर शहर मा, बदल जाहि का रे संगवारी...छत्तीसगढ़ी कविता

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ीयारी छत्तीसगढ़ी में एक कविता सुना रहे है:
गाँव गवाई हर शहर मा, बदल जाहि का रे संगवारी-
खेत खार मा बुता करय्या, नौकरी करे बर जाबो-
धान, चावल कहा ले पाबो, काला खा के प्राण ला बचाबो-
आनी बानी के कम्पनिया आवत है, उर्रा धुर्रा म खेत खार बेचावत है-
इत्ती उत्ती रेल पटरी, बिछावत है-
गाँव गवाई हर शहर मा, बदल जाहि का रे संगवारी...

Posted on: May 01, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADHIYARI SONG VICTIMS REGISTER

चलो जी भोजली, चलो जी मितानिन स्कूल जाबो...छत्तीसगढ़ी शिक्षा कविता

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ीयारी छत्तीसगढ़ी में शिक्षा पर एक कविता सुना रहे है:
चलो जी भोजली, चलो जी मितानिन स्कूल जाबो-
घर घरी मा खुले है, इसको पढ़ लिख कर आबो-
स्कूल में खाना मिलत है, खा पीके पढ़बो-
आनि बानी के खेल खेलात है, पढ़त पढ़त खेल आबो-
खेल खेल मा पढ़ लिख के, जम्मो ले आगु बढ़ जाबो-
साफ़ सफ़ाई जम्मो सिखात है, चलाए हवे स्वच्छता अभियान...

Posted on: Apr 30, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADHIYARI SONG VICTIMS REGISTER

रेल चली भाई रेल चली, लेकर अपना मकसद ख़ास...बाल कविता

तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़)से कन्हैयालाल पड़ीयारी एक कविता सुना रहे है:
रेल चली भाई रेल चली, लेकर अपना मकसद ख़ास-
घुमा फिरा कर फ़िर ले आया, रख अपना ख़ास विश्वाश – दिल्ली दिखाया बम्बई दिखाया, कलकत्ता से ले गया मद्रास-
छोटा बड़ा सभी जगह दिखाया, पटरी पर ले अपना हास-
स्टेशनों का कर जायेजा, कर सिटी पर अपना विश्वाश-
माल ढ़ोया सवारी चढ़ाया, फ़िर भी न खोया अपना स्वास्थ्य-
रोज़ चलता फ़िर भी नही थकता, वह देखता नही अपने आस-पास...

Posted on: Apr 29, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADHIYARI SONG VICTIMS REGISTER

मया प्रीत के गोठ-गोठिया के, उन्गछा दे त दुनिया भर के सुख ला पाबे...छत्तीसगढ़ी कविता

तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ीयारी एक रचना सुना रहे है:
काकरों संग मा लड़बे झन झगड़बे, लड़ाई झगड़ा मा कछुच नई मिले-
मया प्रीत के गोठ-गोठिया के, उन्गछा दे त दुनिया भर के सुख ला पाबे-
हंसी ख़ुशी म ज़िन्दगी कट जाई, दोनों कुल के नाम जस होई-
आगो के रस्ता ला घलो देख, मेनखे जन्म ला पायें हस-
चिराई चिरगुन क झन दी, ऊँद के भंडार ला ते पायें हस-
जनावर पशु मन झन लड़, सुघर जीवनी म ते आय हस-
बिलाई कुकुरकर झन कर, तै हवस पढ़ा लिखा मेनखे...

Posted on: Apr 27, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADHIYARI SONG VICTIMS REGISTER

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