गाँव गवाई हर शहर मा, बदल जाहि का रे संगवारी...छत्तीसगढ़ी कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ीयारी छत्तीसगढ़ी में एक कविता सुना रहे है:
गाँव गवाई हर शहर मा, बदल जाहि का रे संगवारी-
खेत खार मा बुता करय्या, नौकरी करे बर जाबो-
धान, चावल कहा ले पाबो, काला खा के प्राण ला बचाबो-
आनी बानी के कम्पनिया आवत है, उर्रा धुर्रा म खेत खार बेचावत है-
इत्ती उत्ती रेल पटरी, बिछावत है-
गाँव गवाई हर शहर मा, बदल जाहि का रे संगवारी...