सुंदर-सुंदर प्यारी प्यारी, देखो इस धरती की क्यारी...कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ीयारी एक कविता सुना रहे है:
सुंदर-सुंदर प्यारी प्यारी, देखो इस धरती की क्यारी-
किसी में उगता धान गेंहू, उसी की करो रखवारी-
किसी में उगता चना उड़द, कहीं उगता मूंगफली दाना-
आलू प्याज लहसून कांदा, धरती माता का सुंदर गहना-
कहीं कहीं मौसम्बी आम, अमरूद का बगीचा-
सेंव अंगूर कहीं कहीं, केला और पपीता-
गन्ना भुट्टा रक्सी का, धरती पर है भरमार...