रेला गीत : साय रे रे ला दवना पान, नैना गढ़ी-गढ़ी जाय...
ग्राम-केकराखोली, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़) से कीर्ति साहू और उनके साथ है राजेश कुमार रेला गीत सुना रहा है:
साय रे रे ला दवना पान, नैना गढ़ी-गढ़ी जाय-
हाय रे हाय दवना पान, नैना गढ़ी-गढ़ी जाय-
फुल कस चेहरा मुस्कान भरे होठ मा-
हाय रे हाय दवना पान, नैना गढ़ी-गढ़ी जाय-
हमर पारा आबें-जाबों करमा-ददरिया-
ताल में ताल मिल जाए-
तक धि न धिन मांदर बाजे, झुमरे हे मान्दरिहा-
चंदा-चांदिनी लजाएँ-
साय रे रे ला दवना पान, नैना गढ़ी-गढ़ी जाय...
Posted on: Nov 16, 2019. Tags: DHAMTARI CG KEERTI SAHU SONG VICTIMS REGISTER
तरी नारी नानी मोर ना नारी नाना रे सुवा हो...सुवा गीत-
ग्राम-केकराखोली, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़) से फुलेश्वरी पोटई, रामबाई और बिसंतीन बाई कुंजाम एक सुवा गीत सुना रहे हैं :
तरी नारी नानी मोर ना नारी नाना रे सुवा हो-
डोकरी बिचारी नांगर वो फनदवाई दे सुवा हो-
जा चिड़िया करे ला बसेर-
सुवा बन के जा चिड़िया करे ला बसेर-
डोकरी बिचारी धान वो बोयाई दे की सुवा – तरी नारी नानी मोर ना नारी नाना रे सुवा हो....
Posted on: Nov 11, 2019. Tags: CG DHAMTARI KIRTI SAHU SONG VICTIMS REGISTER
पहले सुमरनी हो शीतला अउ दाई ला...गीत-
ग्राम-केकराकोली, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़) से शांति बाई कुंजाम, रुपुर पोटाई, रामबाई सलाम और मुनिया बाई कुंजाम एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहे हैं :
पहली सुमरनी हो शीतला अउ दाई ला-
सुमर सुमर के मनाओं बड़े भईया ला-
बड़े भईया अंतर्यामी बड़े भईया अंतर्यामी-
महिमा है तेरी अपार स्वामी-
मै तो आरती उतारो चारो भईया ला शीतला मैया के...
Posted on: Nov 11, 2019. Tags: CG DHAMTARI RANJIT KUMAR MANDAVI SONG VICTIMS REGISTER
छत्तीसगढ़ी गीत : कोने चावल टिके रे निक लागे...
ग्रामपंचायत-केकराखोली, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़) से अजय कचलाम और उनके साथ ग्रामीण महिला बिसान्तिन बाई, फुलेश्वरी पोटाई, राम बाई सलाम फूलमत मरकाम छत्तीसगढ़ी गीत सुना रही है:
कोने चावल टिके रे निक लागे-
निक लागे निक लागे दौना पाने रे निक लागे-
दाई चावल टिके रे निक लागे-
निक लागे निक लागे दौना पाने रे निक लागे-
भैया चावल टिके निक लागे-
निक लागे निक लागे दौना पाने रे निक लागे...
Posted on: Nov 05, 2019. Tags: AJAY KACHLAM DHAMTARI CG SONG VICTIMS REGISTER
पारंपरिक जैविक खेती के बारे में जानकारी दे रहे है, जिला (छत्तीसगढ़) से....
ग्राम-केकराखोली, ब्लाक-मगरलोड, जिला धमतरी (छत्तीसगढ़) से मोहन यादव उनके साथ है ग्राम-घोटियादादर ने निवासी नक्क्षेना राम कश्यप बता रहा है आज भी हम लोग ज्यों-ज्यों विकास की ओर अग्रसर हो रहे हैं, वैसे-वैसे हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को पीछे छोड़ते जा रहे हैं परन्तु अपने जीवनकाल में अपनी खेत में रासायनिक खाद्य का प्रयोग नही करते है, जैविक खाद्य घरेलु निर्मित खाद्य तैयार कर प्रयोग किया जाता है जिनका नाम है “हंडी खाद्य” जिसे घर में ही निर्माण किया जाता है. इस खाद्य को 1 एकड़ के लिए तैयार करने के लिए.
1बड़ा सा मटका या फिर ड्रम ले. और 10 किलो. गोबर, 10 किलो. मूत्र, 1 किलो. 1 बेसन किलो. इन सब घोल बनाये और उसे लगातार डंडे के सहायता से घुमाते रहे 5-7 दिनों तक रखें उसके बाद खेत में छिड़काव करे. जिसे जमीन की नमी बनी रहती है और बराबर मात्रा में उपजाऊ बना रहता है.इस सन्देश के माध्यम से बताया पारंपरिक जैविक खेती के शुरू करे.