ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा...गीत-
ग्राम-कोड़, पोस्ट-धनरा, थाना-दिनारा, जिला-सीधी (मध्यप्रदेश) से अखिलेश कुमार पारस एक देश भक्ति गीत सुना रहे हैं :
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा-
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा-
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गवाये-
कुछ याद उन्हें भी कर लो कुछ याद उन्हें भी कर लो-
जो लौट के घर ना आये जो लौट के घर ना आये-
ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी-
जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो क़ुरबानी...
Posted on: Jan 08, 2020. Tags: AKHILESH KUMAR PARAS MP SONG VICTIMS REGISTER
मन धीर धरो, घबराओ नहीं...भक्ति गीत
जिला-शिवपुरी (मध्यप्रदेश) से अखिलेश कुमार पारस एक भक्ति गीत सुना रहे हैं:
मन धीर धरो घबराओ नहीं-
भगवान मिलेगें कभी न कभी-
गंगा में मिले यमुना में मिले-
सरयू में मिलेगें कभी न कभी-
मन धीर धरो घबराओ नहीं...
Posted on: Aug 28, 2018. Tags: AKHILESH HINDI KUMAR MP PARAS SONG VICTIMS REGISTER
अंध विद्यालय में नामांकन की आखिरी तारीख 12 अगस्त है, पर प्रक्रिया अभी तक शुरू नही हुई है...
ग्वालियर (मध्यप्रदेश) से अखिलेश कुमार पारस बता रहे हैं उनके वहां माधव अंध आश्रम है, जो एक अर्ध शासकीय नेत्रहीन विद्यालय है, 12 वी कक्षा तक है, जिसमे अभी तक नामांकन फॉर्म नही भरे जा रहे हैं जबकि 12 अगस्त नामांकन की आखिरी तारीख है, इसके लिए उन्होंने फॉर्म प्रबंधक के पास आवेदन किया, आधिकारिक पोर्टल नही चल रहा, नामांकन भरा जा रहा है बोलकर बच्चो को गुमराह कर रहे हैं, इसलिए वे सीजीनेट के श्रोताओं से अपील कर रहे हैं, कि दिए गए नंबरों पर अधिकारियों से बात कर समस्या का निराकरण करने में मदद करें : प्राचार्य@9425717744, संयुक्त संचालक@9425136317. संपर्क नंबर@7024933097.
Posted on: Aug 08, 2018. Tags: AKHILESH KUMAR PARAS GWALIOR MADHYA PRADESH SONG VICTIMS REGISTER
जंगल मोर के बिना, कि दारू कोर के बिना, और सुनी है बाराते दारू...बुन्देलखंडी लोकगीत
ग्राम-गोण, पोस्ट-थनरा, थाना-दिनारा, जिला-शिवपुरी (छत्तीसगढ़) से अखिलेश कुमार पारश एक बुन्देलखंडी लोकगीत सुना रहे है:
जंगल मोर के बिना, कि दारू कोर के बिना-
और सुनी है बाराते दारू, कोर के बिना-
न्याव्ह कोट बिन, चुनर गोट बिन, दूल्हा कोट बिना-
कि मझली काकी वोट न डाले, 100 के नोट बिना-
बिन चोर के बिना, दारू होर के बिना-
और सुनी है बाराते दारू, कोर के बिना-
जंगल मोर के बिना, कि दारू कोर के बिना...
Posted on: May 25, 2018. Tags: AKHILESH KUMAR PARAS SONG VICTIMS REGISTER
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ...सरस्वती वंदना
जिला-शिवपुरी, (मध्यप्रदेश) से अखिलेश कुमार पारश सरस्वती वंदना गीत सुना रहे है:
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ-
तू शल की देवी, ये संगीत तुझसे, हर शब्द तेरा हर गीत तुझसे-
हम अकेले हम है अधूरे, विद्द्या का हमको भी अधिकार दे माँ-
मुनियों ने समझी, गुणियों ने जानी, वेदों की भाषा, पुराणों की वाणी-
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने-
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ, हे शारदे माँ-
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ...