मुख त्रिभुखा कमल सामान जैसे उगता है सुबह का भान-गीत
ग्राम-राजापुर,पोस्ट लड्वारी,जिला नेवाड़ी (मध्यप्रदेश ) से मनोज कुशवाहा एक गीत सुना रहे हैं:
मुख त्रिभुखा कमल सामान जैसे उगता है सुबह का भान-
भगवन की मूरत है ऐसी चंदा सूरज जैसी काला रंग-
भगवन का प्यारा जो जग को लागे सबसे न्यारा-
आंखे है मोती सामान जिस पर संसार है कुर्बान-
कानो में कुंडल माथे पर चन्दन मेरा तुमको है अभिन्दन-
बाल है घुंघराले जैसे बादल हो काले-काले-
माला है चन्दन दार गले में सोने का हार मोर पंख-
सिर पर साजे जैसे कस्तूरी म्रग के नाभि में अमृत साजे...
Posted on: Jun 10, 2022. Tags: MP NEWADI SONG
अरे गजब से नैना लड़ल बस आगे बढ़ल...भोजपूरी गीत-
ग्राम-मठिया आलम, जिला-कुशीनगर (उत्तरप्रदेश) से सुखई कुशवाहा एक भोजपूरी गीत सुना रहें है:
अरे गजब से नैना लड़ल बस आगे बढ़ल-
सरोध आखिया रहेला इंतजार में-
दिल भईलदीवाना तोरा प्यार में-
कर ले शुक्रिया हम उह भगवन के-
तोहरा के बनावल बाड़े कोने माटी सान के-
अरे गजब से नैना लड़ल बस आगे बढ़ल...
Posted on: Jun 09, 2022. Tags: BHOJPURI SONG KHUSHINAGAR SUKHAI KUSHWAHA UP
दाईहा छोड़ देबे भया गा जुआदा रुला तैहा छोड़ देबे...गीत
सरगुजा,थाना- -प्रतापपुर विकाश खण्ड, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से नेवालाल देवांगन गीत सुना रहे हैं:
दाईहा छोड़ देबे भया गा जुआदा रुला तैहा छोड़ देबे-
तैहा छोड़ देबे भया तैहा छोड़ दे बिना तैहा छोड़ देबे-
दाईहा छोड़ देबे भया गा जुआदा रुला तैहा छोड़ देबे-
दारुला पीते माटले खाते काटे अवु सराब-
पोहर्ल करले गिव के कराब वेहा छोड़ देबे-
दाईहा छोड़ देबे भया गा जुआदा रुला तैहा छोड़ देबे...
Posted on: Jun 09, 2022. Tags: CG PRATAP PUR SONG SURAJPUR
का चोके संगे लेके काया चोचेनाव...हल्वी गीत-
ग्राम-पकनार, जिला-बस्तर, छत्तीसगढ़ से केसव नाग एक हल्वी गीत सुना रहे हैं, जिसके बोल हैं, का चोके संगे लेके काया चोचेनाव| अपने गीत, संदेस रिकॉर्ड करने के लिये 08050068000 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं|
Posted on: Jun 09, 2022. Tags: BASTAR CG KESHAV NAAG SONG
हर जी अपना हम भाने का दे...देशभक्ति गीत
बन्दोंसिंह, जिला-उमरिया, मध्यप्रदेश से एक गीत सुना रहें है:
हर जी अपना हम भाने का दे-
हम जो काम में चले भारत माँ के लाज-
भारत माँ के लाज बचना सर पे कफन-
नही युद्ध के पीछे हेटगी क़ुर्बानी दे जान की-
बेटी हिन्दुस्तान ये बेटी हिन्दुस्तान-
नही युद्ध के पीछे हेटगी क़ुर्बानी दे जान की-
हर जी अपना हम भाने का दे...