मुख त्रिभुखा कमल सामान जैसे उगता है सुबह का भान-गीत
ग्राम-राजापुर,पोस्ट लड्वारी,जिला नेवाड़ी (मध्यप्रदेश ) से मनोज कुशवाहा एक गीत सुना रहे हैं:
मुख त्रिभुखा कमल सामान जैसे उगता है सुबह का भान-
भगवन की मूरत है ऐसी चंदा सूरज जैसी काला रंग-
भगवन का प्यारा जो जग को लागे सबसे न्यारा-
आंखे है मोती सामान जिस पर संसार है कुर्बान-
कानो में कुंडल माथे पर चन्दन मेरा तुमको है अभिन्दन-
बाल है घुंघराले जैसे बादल हो काले-काले-
माला है चन्दन दार गले में सोने का हार मोर पंख-
सिर पर साजे जैसे कस्तूरी म्रग के नाभि में अमृत साजे...