कर्मा नाचे चले आबे पतरंगी टुरी मोर गांव मा...कर्मा गीत
आश्रित ग्राम-लुढूटोला, ग्राम पंचायत-दमगढ़, थाना-कुकदुर, विकासखंड-पंडरिया, जिला-कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से भुकलूराम पन्दराम एक कर्मा गीत सुना रहे हैं:
कर्मा नाचे चले आबे पतरंगी टुरी मोर गांव मा-
रंगरेली टुरी मोर गांव मा पतरंगी टुरी मोर गांव मा-
कर्मा नाचे चले आबे पतरंगी टुरी मोर गांव मा-
लुडहुटोला मा रह्थो रानी भुकलू है मोर नाम रानी-
तीर-तीर मा जंगल हवे आमा अमली के छाव-
कर्मा नाचे चले आबे पतरंगी टुरी मोर गांव मा...
Posted on: Sep 12, 2018. Tags: BHUKLURAM PANDRAM CG CHHATTISGARHI KABIRDHAM KARMA PANDARIYA SONG VICTIMS REGISTER
रोड बना है लेकिन मेटेरियल कम लगाने से जगह-जगह गड्डा हो गया है, बोलने पर कोई सुन नहीं रहे...
ग्राम-सिंगपुर, तहसील-पंडरिया, जिला-कबीरधाम, (छत्तीसगढ़) से हेमसिंह मरकाम बता रहे है कि उनके गाँव सिंगपुर से कड़वा पहुँच मार्ग जिसकी लम्बाई 3.40 किमी. है जो प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत निर्माण हुआ है, यह ठेकेदार द्वारा बनाया गया है जो मटेरियल लगाना था उतना नही लगा है, जिससे रोड जगह-जगह गड्डा हो गया है, उसकी शिकायत उन्होंने कई बार सम्बंधित अधिकारियों को दिए हैं, पर आज तक कोई सुनवाई नही हो रही है इसलिए साथी सीजीनेट के साथियों से मदद की मांग कर रहे है कि दिए गये नम्बरों में बात कर रोड ठीक करवाने में मदद करें : ठेकेदार@9893836079, तहसीलदार@7722870906, मुंशी@7772099823, विधायक@9424108817. संपर्क नम्बर@9575248234.
Posted on: Sep 08, 2018. Tags: CG HEMSINGH MARKAM KABIRDHAM PANDARIYA ROAD SONG VICTIMS REGISTER
टोपीवाले की चतुराई...कहानी
ग्रामपंचायत-सिहपुर तहसील-पंडरिया, जिला कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से संयोगिता मरकाम कक्षा पांचवीं की छात्रा है जो एक कहानी सुना रही है जिसका शीर्षक है टोपीवाले की चतुराई
एक टोपी वाला था, गाँव-गाँव घूम कर टोपी बेचता था, एक दिन वह एक गाँव से दूसरे गाँव टोपियाँ बेचने जा रहा था दोपहर के समय तो वह कुछ देर सुस्ताने के इरादे से एक पेड़ के नीचे अपनी टोपियों को रख कर सो गया, जब नींद खुली तो उसके होश उड़ गए देखा की उसकी एक भी टोपी नहीं है सोचने लगा कौन ले गया होगा? फिर जैसे ही उसकी नजर पेड़ की तरफ़ गई तो देखा कि सारी टोपियों को बंदरों ने पहन रखी है तो वो उन पर इशारों से और पत्थर मार के टोपियाँ वापस पाने की जद्दोजहद करने लगा लेकिन सफलता नहीं फिर उसने देखा कि जैसे वह कर रहा है बन्दर भी वैसा ही कर रहे है तो उसको एक तकरीब सूझी क्यों न अपनी टोपी तो उतार फेंकूं उसने वैसा ही किया उसके बाद बंदरों ने भी अपनी-अपनी टोपियों को उतार कर नीचे फेंक दिए फिर क्या था टोपी वाले ने सारी टोपियाँ उठा कर अपने बैग में भरा और गाँव की तरफ चल पड़ा |