टोपीवाले की चतुराई...कहानी
ग्रामपंचायत-सिहपुर तहसील-पंडरिया, जिला कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से संयोगिता मरकाम कक्षा पांचवीं की छात्रा है जो एक कहानी सुना रही है जिसका शीर्षक है टोपीवाले की चतुराई
एक टोपी वाला था, गाँव-गाँव घूम कर टोपी बेचता था, एक दिन वह एक गाँव से दूसरे गाँव टोपियाँ बेचने जा रहा था दोपहर के समय तो वह कुछ देर सुस्ताने के इरादे से एक पेड़ के नीचे अपनी टोपियों को रख कर सो गया, जब नींद खुली तो उसके होश उड़ गए देखा की उसकी एक भी टोपी नहीं है सोचने लगा कौन ले गया होगा? फिर जैसे ही उसकी नजर पेड़ की तरफ़ गई तो देखा कि सारी टोपियों को बंदरों ने पहन रखी है तो वो उन पर इशारों से और पत्थर मार के टोपियाँ वापस पाने की जद्दोजहद करने लगा लेकिन सफलता नहीं फिर उसने देखा कि जैसे वह कर रहा है बन्दर भी वैसा ही कर रहे है तो उसको एक तकरीब सूझी क्यों न अपनी टोपी तो उतार फेंकूं उसने वैसा ही किया उसके बाद बंदरों ने भी अपनी-अपनी टोपियों को उतार कर नीचे फेंक दिए फिर क्या था टोपी वाले ने सारी टोपियाँ उठा कर अपने बैग में भरा और गाँव की तरफ चल पड़ा |