यह मंदिर कैसा जहा शिक्षा में न लगे पैसा ...बाल कविता-
मालीघाट मुज़फ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक कविता सुना रहे हैं:
यह मंदिर कैसा जहाँ शिक्षा मिले न लगे पैसा-
मुफ्त में मिले ज्ञान लेके बनो महान-
बोलो क्या है ??.. स्कूल हा-
मिला एक अधिकार, बच्चो को साचा प्यार-
बच्चे १४ बरस के बच्चे न शिक्षा को तरसे ...
Posted on: Mar 11, 2020. Tags: BIHAR MUZAFFARPUR POEM SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
जयति जय जय माँ सरस्वती...वंदना-
मालीघाट, मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार सरस्वती वंदना सुना रहे हैं:
जयति जय जय माँ सरस्वती-
जयति वीणा धारणी-
जयति पद्मा स्नेह माता-
जयति शुभ वरदायनी-
जगत का कल्याण कर माँ-
तू है विघ्न विनाशिनी-
कमल आसन छोड़ दे माँ-
देख मेरी दुर्दशा माँ-
शांति की दरिया बहा माँ-
तू है शुभ वरदायनी –
जयति जय जय माँ...
Posted on: Feb 06, 2020. Tags: BIHAR MUZAFFARPUR SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
गाँधी बाबा हो कैसे सुधरी देश के हाल...गीत-
मालीघाट, मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार डॉ ब्रजनंदन जी का गीत “कैसे सुधरी देश के हाल” सुना रहे हैं:
अमर लती सन नेता बढ़ल-
जनता भयेल कंगाल-
गाँधी बाबा हो कैसे सुधरी देश के हाल-
आई देश में सगरो देखो खेलत बड़ा घोटाला-
चोर उच्चका के हाँथ में परलत तिजोरी के ताला-
तिकड़म बाज इहां के बेलई आई माले माल-
गाँधी बाबा हो कैसे सुधरी देश के हाल...
Posted on: Feb 05, 2020. Tags: BIHAR MUZAFFARPUR SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
समाज में समाज में स्वच्छता के संदेश फैलाना है...गीत-
मालीघाट, मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक गीत सुना रहे हैं:
समाज में समाज में स्वच्छता के संदेश फैलाना है-
जल जीवन हरियाली सबको बताना है-
गीले कचरे, सूखे कचरे को अलग रखना है-
ओ भाई साथ आओ ओ बहन साथ आओ-
मेरे बढे कदम से अपने कदम मिलाओ-
प्रदूषण के जहर को दूर भागना-
समाज में समाज में स्वच्छता के संदेश फैलाना है...
Posted on: Feb 03, 2020. Tags: MUZAFFARPUR BIHAR SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत पुकार जा...गीत-
मालीघाटी, मुज्ज़फ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक गीत सुना रहे हैं :
जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत पुकार जा-
फ़िर अमन पर वार जा-
सबके हित के वास्ते अपना सुख बिसार जा-
जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत पुकार जा-
प्रेम की पुकार हो, प्रेम की पुकार हो-
सबका सबसे प्यार हो, सबका सबसे प्यार हो-
गीत हो जहान का, गीत हो जहान का-
क्यों किसी की हार हो-
जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत-
न्याय का विधान हो, न्याय का विधान हो-
सबका हक़ समान हो, सबका हक़ समान हो-
सबकी अपनी ज़मीन हो, सबकी अपनी ज़मीन हो-
सबका आसमान हो, सबका आसमान हो-
जय-जगत, जय-जगत, जगत पुकार जा...