जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत पुकार जा...गीत-
मालीघाटी, मुज्ज़फ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक गीत सुना रहे हैं :
जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत पुकार जा-
फ़िर अमन पर वार जा-
सबके हित के वास्ते अपना सुख बिसार जा-
जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत पुकार जा-
प्रेम की पुकार हो, प्रेम की पुकार हो-
सबका सबसे प्यार हो, सबका सबसे प्यार हो-
गीत हो जहान का, गीत हो जहान का-
क्यों किसी की हार हो-
जय-जगत, जय-जगत, जय-जगत-
न्याय का विधान हो, न्याय का विधान हो-
सबका हक़ समान हो, सबका हक़ समान हो-
सबकी अपनी ज़मीन हो, सबकी अपनी ज़मीन हो-
सबका आसमान हो, सबका आसमान हो-
जय-जगत, जय-जगत, जगत पुकार जा...