जीवन में कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो...गीत-

आशा गोस्वामी ग्राम-नवलपुर, जिला-मुंगेली राज्य छत्तीसगढ़ से एक गीत सुना रही है:
जीवन में कुछ करना है तो-
मन को मारे मत बैठो-
आगे आगे बढना है तो-
हिम्मत मारे मत बैठो-
चलने वाला मंजिल पाता-
बैठे पीछे रहता है-
ठहरा पानी सड़ने लगता है-
बहता निर्मल होता है-
पाव मिले चलनें के खातिर-
पाव पसारे मत बैठो...

Posted on: Jul 03, 2020. Tags: ASHA GOSWAMI HINDI SONG MUNGELI CG SONG VICTIMS REGISTER

सांवले सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया...गीत-

ग्राम-नवलपुर, पोस्ट-कोतरी, जिला-मुंगेली छत्तीसगढ़ से संध्या नेताम और मानसी गोस्वामी एक गीत सुना रहे है :
सांवले सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया-
एक साथ रहने में फिर से दूसरा काजल लगा-
एक तराना धुल का मिलना दिल दीवाना हो गया...

Posted on: Jul 03, 2020. Tags: HINDI SONG MUNGELI CG SANDHIYA NETAM MANSI GOSWAMI SONG VICTIMS REGISTER

गर्व है मुझे मैं नारी हूँ, गर्व है मुझे मैं नारी हूँ...पंक्तियाँ-

ग्राम-नवलपुर, ब्लाक-लोरमी, जिला-मुंगेली छत्तीसगढ़ से संध्या नेताम महिलाओ पर आधारित कुछ पंक्तियाँ सुना रही है:
गर्व है मुझे मैं नारी हूँ, गर्व है मुझे मैं नारी हूँ-
तोडके हर पिंजरा जाने कब मैं उड़ जाउंगी-
चाहे लाक बिचालो बंदिशे-
फिर भी दूर आसमान में अपनी जगह बनाउंगी-
गर्व है मुझे मैं नारी हूँ, गर्व है मुझे मैं नारी हूँ...

Posted on: Jul 03, 2020. Tags: HINDI LINE MUNGELI CG SANDHIYA NETAM SONG VICTIMS REGISTER

हिंदी को बनवास दे अंग्रेजी को राज्य...हिंदी भाषा को लेकर कविता-

ग्राम-नवलपुर ब्लॉक-लोरमी जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से दुबेन्द्र बुनकर हमारे सीजीनेट सुनने वाले श्रोताओं को मात्र भाषा हिंदी को लेकर पंक्तियाँ सुना रहे है:
हिंदी को बनवास दे अंग्रेजी को राज्य-
हमने 70 सालों में कैसे गढ़ा समाज-
हिंदी हिन्दुस्तान में हुई सेविका आज-
पटरानी बनकर यहां अंग्रेजी करती राज-
हिंदी में है चेतना हिंदी में है प्राण-
हिंदी में है देश का स्वाभिमान सम्मान CS

Posted on: Jun 26, 2020. Tags: DUBENDR BUNKAR KAVITA LORMI MUNGELI CG SONG VICTIMS REGISTER

दिन का उजाला रात्रि का अंधकार है...कविता

ग्राम-नवलपुर, पोस्ट-कोतरी, ब्लाक-लोरमी, जिला-मुंगेली छत्तीसगढ़ से निशु बुनकर एक कविता सुना रही है उसका शीर्षक है : बलात्कारी
दिन का उजाला रात्रि का अंधकार है-
करके चीत्कार ऊँची स्वर में-
मैं रोती हूँ कि हो रहा बलात्कार है-
हमसे इस युग पर सच व् ईमानदारी का-
सत धर्मो के उसूलो का, हमारे संस्कारो का-
पारिवारिक मूल्यों का और हम-
कलयुग के अनगिनत बहीमूर्खो कुम्भकरण-
पाषाण जिगर लिए गली गली देख रहे है, देख रहे है...

Posted on: Jun 07, 2020. Tags: MUNGELI CG NISHU BUNKAR POEM SONG VICTIMS REGISTER

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