महुआ लड्डू बनाने की विधि और महुआ लड्डू और मंद से फायदा और नुकसान...
ग्राम पंचायत-नेलवाड़, जिला-नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल केवट और उनके साथ है ग्रामवासी राम शाह बता रहे है कि महुआ (फूल) की उपयोगिता इस महुआ फूल मंद तथा लड्डू बनाकर सेवन करते है, इसे शरीर के लिए लाभकारी होता है. बताया जा रहा है, महुआ के मंद पीने से शरीर कमजोर और ढीला पढ़ जाता है, महुआ लड्डू बना कर खाने से शरीर तन्दरुस्त रहता है| महुआ लड्डू बनाने की विधि : सबसे पहले महुआ को अच्छे से सुखा लेते है, और कुछ दिनों तक बोरी में भर कर रखते है, जिसके पश्चात उसे एक सरई (हंडी) में उबालते है और उसे लड्डू बनाते है और उसे खाया जा सकता है यह कार्य लगभग 50 वर्षों से करते आ रहे है. संपर्क @8234826635.
Posted on: Aug 10, 2020. Tags: GONDI CULTURE SONG VICTIMS REGISTER
बारिश समय पर नहीं होने से फसल सूख जाती है, नहर बनवाने में मदद करें...
ग्राम-चप्पेपारा, पंचायत-कटेनार, ब्लाक-दरभा, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से हडमोराम मंडावी और मोटू बता रहे हैं, समय पर बारिस नहीं होने से फसल सूख जता है इसलिये नहर होना चाहिये जिससे किसानो को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके, इसलिये वे सीजीनेट के साथियों से निवेदन कर रहे हैं कि दिये नंबरों पर बात कर नहर बनवाने में मदद करें: संपर्क नंबर@9098489278. CEO@7835814506. (172841) (AR)
Posted on: Aug 08, 2020. Tags: AGRICULTURE SONG VICTIMS REGISTER
आदिवासी संकृति के बारे में जानकारी, जिला बस्तर से...
पंडूपारा, पंचायत-बास्तानार-2, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर छत्तीसगढ़ से बाबूलाल नेटी के साथ गाँव के साथी बुमडा आदिवासी संस्कृति के बारे में बता रहे है कि अमावश के लिए पूजापाट करते है नारियल अगरबती और मुर्गा, सूअर देते है | उसके बाद नया त्यौहार भी मनाते है पुरे गाँव के लोग मिलकर जुलकर एक जगह पर जहाँ पित्तल हांडी होता है वहीँ पर मनाते है वहां पर देवी भी रहती है | उसमे भी मुर्गा, सूअर और एक बाटल दारू चढाते है | यह पूजा गाँव के गायता पेरता के द्वारा किया जाता है | हर घर में अलग-अलग पूजा करता है | उनका सबसे बड़ा त्यौहार नया साल है |
Posted on: Aug 06, 2020. Tags: GONDI CULTURE SONG VICTIMS REGISTER
फसल का दाम अगर किसान खुद तय कर सके तो पूरे भारत में 99 प्रतिशत गरीबी दूर हो सकती है...
गोंडवाना राजकुमार पोया ग्राम भेड़िया पोस्ट भेड़िया जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ से बता रहें है साथियों आप सभी को पता है, हमर छत्तीसगढ़ के सोना उगाये ले सोना उगाले सोना उगाले कहावत हे हमर छतीसगढ़ ला धान के कटोरा कह जाथे, माटी उपजे माटी मा बड़े,उपजे माटी मा बड़े माटी मा मिलन होही संगी, माटी मा मिलन होही रे संगी,माटी मा मिलन होही रे, संगी कहावत हे, छत्तीसगढ़ में किसान मजदुर अपने फसल उगा करके खुद अपनी सेवा करते है और एक दुसरे को जिलाने का काम करते है| छत्तीसगढ़ में जितने भी कम्पनिया है ,लोहा बनाने वाला या मोटर कार बनाने वाला कंपनी या कपडा बनने वाला कंपनी जितने भी कंपनी है, वो सब अपने सामान का दाम खुद तय करते है यहां के किसान जो खेती करता है वे अपने फसल का दाम नहीं तय करते | फसल का दाम अगर किसान तय करे तो पूरे भारत 99 प्रतिशत गरीबी दूर हो सकता है सम्पर्क@8103153059
Posted on: Jul 09, 2020. Tags: AGRICULTURE CG POYA RAJKUMAR SONG SURAJPUR VICTIMS REGISTER
रोपा के लिए हाईब्रेड प्रमाणित बीज लाते हैं,लेई धान पुराने बीज बोते हैं,बियासी करने पर अच्छा हो�
ग्राम-बाकुलवाही ब्लॉक-छिन्द्गढ़ जिला-सुकमा (छत्तीसगढ़) से राजेन्द्र कुमार हमारे सीजीनेट सुनने वाले श्रोताओं को अपने खेती के बारे में बता रहे हैं कि अभी बरसात के समय धान कि खेती करेंगे रोपा और लेई धान बोते है लेई धान घर का पुराना बीज बोते है और रोपा के लिए क्रषि विभाग से हाईब्रेड प्रमाणित बीज लाते हैं लेई धान बोने के बाद जोताई करके बियासी करना पड़ता है जिससे पेड़ कि दुरी बन जाता है और ज्यादा मात्रा में होता है रोपा एक बार लगाने से हो जाता है रोपा लगाने से लेई धान से थोड़ा ज्यादा फसल होता है धान में गोबर खाद्य और कुछ डीएपी खाद्य डालते हैं जिससे धान पेड़ कि मोटापा बढ़ जाता है जमीन का उर्जा शक्ती और नमी बनी रहती है यूरिया डालने से जमीन को टाईट कर देता है इसलिए नहीं डालते और धान खाने के लिए भरपूर मात्रा में हो जाता है कुछ बेच भी देते हैं थोड़ा बहुत सब्जी लगा लेते हैं इसी से परिवार का पालन-पोषण करते हैं:संपर्क नंबर @7587788085 CS