पानी और दूध की मित्रता की कहानी...
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर, (बिहार) से सुनील कुमार दूध और पानी की मित्रता को लेकर एक कहानी सुना रहे है:
जब दूध ने पानी का समर्पण देखा तो उसने कहा मित्र तुमने अपने स्वरुप का त्याग कर मेरे स्वरुप को धारण किया है अब मैं भी मित्रता निभाऊंगा और तुम्हे अपने मोल बिकवाऊंगा। दूध बिकने के बाद जब उसे उबाला जाता है तब पानी कहता है अब मेरी बारी है मै मित्रता निभाऊंगा और तुमसे पहले मै चला जाऊँगा। दूध से पहले पानी उड़ता जाता है जब दूध मित्र को अलग होते देखता है तो उफन कर गिरता है और आग को बुझाने लगता है, जब पानी की बूंदे उस पर छींट कर उसे अपने मित्र से मिलाया जाता है तब वह फिर शांत हो जाता है...
Posted on: Aug 28, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
कल्पवृक्ष ताड़ वृक्ष का हर हिस्सा उपयोगी होता है इससे रोज़गार बढ़ाने की भी असीम संभावनाएं हैं...
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार ताड़ वृक्ष के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इस वृक्ष को बिहार सरकार ने कल्पबृक्ष के रूप में माना है इसका सम्पूर्ण अंश प्रयोगी है ,चाहे वो पत्ती, जड़, तना, फल हो. इसके पत्तों का उपयोग घर बनाने में, झाड़ू बनाने में, फल का उपयोग शक्कर, गुड,जेली आदि बनाने में किया जा रहा है इसके फल में प्रचुर मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम मौजूद होता है. इसके रस का उपयोग हम खाद्य या अखाद्य के रूप में कर सकते हैं. बिहार सरकार ने रस के लिए लाइसेंस बनवाना अनिवार्य कर दिया है इससे रोज़गार बढ़ाया जा सकता है अधिक जानकारी आप जिला के जीविका कार्यालय, उद्योग कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं अधिक जानकारी के लिए सुनील कुमार@9308571702
Posted on: Aug 28, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
लाल चुनरी मईया के पियार मईया के पिया...भजन
ग्राम-मालीघाट,जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से इंदु देवी एक भजन सुना रही है:
लाल चुनरी मईया के पियार मईया के पियार-
मईया के बजरिया में जाके परात हो भेलन मईया के-
लाल बिंदी मईया के पियार मईया के पियार-
लाल सिंदूरमईया के पियार-
लाल लाथी मईया के पियार-
लाल नथिया मईया के पियार-
लाल चुनरी मईया के पियार मईया के पिया...
Posted on: Aug 21, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
वह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल दूर नहीं है...कविता -
सुनील कुमार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रचना सुना रहे हैं:
वह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल, दूर नहीं है-
थककर बैठ गये क्या भाई! मंजिल दूर नहीं है-
अम्बर पर घन बन छायेगा-
ही उच्छवास तुम्हारा-
और अधिक ले जाँच-
देवता इतना क्रूर नहीं है-
थककर बैठ गये क्या भाई!
मंजिल दूर नहीं है...
Posted on: Aug 15, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
गोंड समुदाय के कोलांग नृत्य के बारे में जानकारी
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार गोंड समुदाय के कोलांग नृत्य के बारे में जानकारी दे रहे है और कह रहे हैं कि जिस समाज में गीत, संगीत नृत्य नही वह समाज पशु समान होता है और गोंड समुदाय के महत्वपूर्ण कोलान्ग इदना नृत्य के बारे में बता रहे हैं. कोलान्ग शब्द कोला से बना है, जिसका अर्थ डंडा से लिया जाता है कोलान्ग नाच में छड़ का प्रयोग किया जाता है इसीलिए गोंडी में कोलांग इदना कहते है. पौष पूर्णिमा के समय युवको का नृत्य दल एक दूसरे के गाव में एक सप्ताह नाचने जाते है, नाच दल का नेतृत्व करने वाले को ‘पाटा गुरु” के नाम से जाना जाता है. नाच दो दलों में गोल घेरे में आमने सामने होता है आमने सामने खड़े होकर एक दूसरे के डंडे को पीटते है गीत शुरु होते ही नाच चालू हो जाता है. सुनील@9308571702