गोंड समुदाय के कोलांग नृत्य के बारे में जानकारी
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार गोंड समुदाय के कोलांग नृत्य के बारे में जानकारी दे रहे है और कह रहे हैं कि जिस समाज में गीत, संगीत नृत्य नही वह समाज पशु समान होता है और गोंड समुदाय के महत्वपूर्ण कोलान्ग इदना नृत्य के बारे में बता रहे हैं. कोलान्ग शब्द कोला से बना है, जिसका अर्थ डंडा से लिया जाता है कोलान्ग नाच में छड़ का प्रयोग किया जाता है इसीलिए गोंडी में कोलांग इदना कहते है. पौष पूर्णिमा के समय युवको का नृत्य दल एक दूसरे के गाव में एक सप्ताह नाचने जाते है, नाच दल का नेतृत्व करने वाले को ‘पाटा गुरु” के नाम से जाना जाता है. नाच दो दलों में गोल घेरे में आमने सामने होता है आमने सामने खड़े होकर एक दूसरे के डंडे को पीटते है गीत शुरु होते ही नाच चालू हो जाता है. सुनील@9308571702