सूरज रे जलते रहना सूरज रे जलते रहना...गीत-
वीरेंद्र गंधर्व, राजनदगांव (छत्तीसगढ़) से एक गीत सुना रहे हैं:
जगत भर की रोशनी के लिए, करोड़ों की जिंदगी के लिए-
सूरज रे जलते रहना ,सूरज रे जलते रहना-
जगत के कल्याण के लिए तू जन्मा है,जगत के वास्ते हर दुख उठा रे-
भले ही अंग तेरा भस्म हो जाए,तू जल-जल कर यहाँ किरने लुटाता रहे-
यही लिखा है तेरे भाग में, तेरा जीवन रहे आग में-
सूरज रे जलते रहना ,सूरज रे जलते रहना...
Posted on: Jan 09, 2022. Tags: CG RAJNADGANV SONG VIRENDRA GANDHRV
14 जून विश्व रक्त दाता दिवस पर संदेश
राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से वीरेंद्र गंधर्व आज 14 जून 2021 को विश्व रक्त दाता दिवस पर संदेश दे रहे हैं| रक्त दान को महादान कहा जाता है, रक्त दान कर हम किसी की जान बचा सकते हैं| रक्त दान कर हम पीड़ितों की मदद कर सकते हैं, 18 वर्ष से ऊपर का कोई भी महिला, पुरुष रक्त दान कर सकता है| रक्त दान करने के बाद 3 माह में रक्त बन जाता है और इससे शरीर में रक्त बनाने की क्षमता बढ़ती है|
Posted on: Jun 14, 2021. Tags: CG RAJNANDGAON VIRENDRA GANDHRV
आंधी से तूफान से बाढ से भूकंप से सदा रहा आबाद...पंक्तियाँ-
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक पंक्तियाँ सुना रहे हैं:
आंधी से तूफान से बाढ से भूकंप से सदा रहा आबाद-
एक साथ सब मिलकर बोलो छत्तीसगढ़ जिन्दाबाद-
सारी दुनिया को पड़ रही है कोरोना की मार-
छत्तीसगढ़ का सौभाग्य देखो कैसा चमत्कार-
दस रोगियो में बचा हुआ है रोगी केवल एक-
सब ने दिखाई सूझ बूझ काम आया विवेक सेवा में दिन रात लगे जो...(AR)
Posted on: Jun 12, 2021. Tags: CG RAJNANDGAON STORY VIRENDRA GANDHRV
कोरोना रे कोरोना जल्दी जा जल्दी जा...कोरोना गीत-
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व एक कोरोना गीत सुना रहे हैं:
कोरोना है कोरोना हाँ कोरोना हाँ-
कोरोना रे कोरोना जल्दी जा जल्दी जा-
बहुत हो चुका अब ज्यादा देर न लगा-
सब के काम धंधे चौपट हो गये सारे-
घर के भीतर कैदी हो गयें हैं सारे-
सूनी पड़े है गलिया और गलियारें-
निर्दोष भी तो मर रहे हैं बिन मारे...(AR)
Posted on: Jun 01, 2021. Tags: CG CORONA SONG RAJNANDGAON VIRENDRA GANDHRV
नक्सल समस्या को हल करने के लिये विचार...
राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से वीरेंद्र गंधर्व जो दृष्टिबाधित हैं, नक्सली समस्या पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं| नक्सलवाद एक गंभीर समस्या है, इससे लोग शांति से नहीं रह पा रहे हैं| आदिवासी शांति से नहीं रह पा रहे हैं, उनका विचार है कि इस समस्या को हल करने के लिये नक्सलियों को बोलने का मौका दिया जाना चाहिये, जिससे पता चले कि वे क्या चाहते हैं| उन इलाके में रह रहे लोगो को रोजगार, शिक्षा दें| ताकि वे मुख्य धारा से जुड़ेंगे और जागरूक होंगे और परिवर्तन आयेगा|