वनांचल स्वर: वनों और जीव जंतुओ के संरक्षण के लिये प्रयास होना चाहिये...
ग्राम-दमकसा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से निवासी शेरसिंह आँचला बता रहे हैं कि कोयलीबेड़ा गाँव पखांजुर तहसील के अंतर्गत आता है| गाँव के पास से मेढ़की नदी गुजरती है| उसी के पास घोड़ा बेड़ा गाँव है जहाँ पर सागौन के पेड़ पाये जाते हैं| घोड़ा बेड़ा के आगे भामराकोट पहाड़ी है जहाँ पर कुरसेल जल प्रपात है जो एक सुंदर जगह है| वहां पर कई तरह के जानवर पशु, पक्षी पाये जाते थे लेकिन अब वनों की कटाई और उत्खनन आदि के कारण ये सब ख़त्म होते जा रहे हैं इसलिये इनके संरक्षण के लिये प्रयास होना चाहिये |
Posted on: Mar 08, 2021. Tags: CG KANKER SHERSINH ACHALA VANANCHAL SWARA
वनांचल स्वर: कान दांत के दर्द की औषधि...
ग्राम-हिटारकसा, ब्लॉक-भानुप्रतापपुर, जिला-उतर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से वीर सिंह पटेल बताते हैं कि उन्हें जंगल से औषधि मिलती है। वीर सिंह पटेल एक परंपरागत वैद्य हैं। जंगल से उन्हें कान के दर्द और दांत के दर्द की दवाई मिलती है। छीन्द के पेड़ की छाल कान दर्द के इलाज के लिए शर्तिया दवाई है। उसे कूट कर लगाने पर सूजन भी कम हो जाती है।
Posted on: Mar 06, 2021. Tags: CG KANKER VANANCHAL SWARA VEERSINGH PATEL
वनांचल स्वर: जंगल पर विपरीत असर पड़ा और पेड़ों की कटाई ज़्यादा बढ़ गई...
ग्राम-कराठी, ब्लॉक-भानुप्रतापपुर, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर, छत्तीसगढ़ से वीर सिंह बता रहे हैं कि उन्होंने पिछले 40 सालों से जंगल को बढ़ते घटते देखा है। जंगल में जो पशु-पक्षी थे वे पूरे विलुप्त हो गए हैं। 2006 में केंद्र सरकार वन अधिकार कानून लाई थी, जिसका जंगल पर विपरीत असर पड़ा और पेड़ों की कटाई ज़्यादा बढ़ गई। बढ़ती आबादी के कारण जंगल में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई। गांव के लोगों भी जल-जंगल को ध्यान नही दे रहे हैं। शायद वह सोच रहे हैं कि आगे चल कर पेड़ों की ज़रूरत नहीं रहेगी। आदिवासी समाज जंगल का दोहन बाकी लोगों से कम करता है। अब उनका प्रयास है की जंगल बचना चाहिए। (185685) GT
Posted on: Mar 06, 2021. Tags: CG KANKER VANANCHAL SWARA VEERSINGH
वनांचल स्वर: लोग सल्फी को नशे के रूप में उपयोग करते हैं, अधिक पीने हानिकारक है...
ग्राम-कराठी, ब्लॉक-भानुप्रतापपुर, जिला-उतर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से वीर सिंह पद्दा जी सल्फी के उपयोग के बारे में बता रहे हैं। कुछ लोग सल्फी को नशे के रूप में उपयोग करते हैं। अधिक सेवन करने से यह हानिकारक हो जाती है। गर्मी के समय में इस पेय पदार्थ को उत्तम माना जाता है।
Posted on: Mar 05, 2021. Tags: CG KANKER VANANCHAL SWARA VIRSINH PADDA
वनांचल स्वर: आने वाले पीढ़ी को फल, फूल और शुद्ध हवा मिल सकेगी...
ग्राम-कन्हारपुरी, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से संजय कुमार सोरी बता रहे हैं कि ग्राम मोदे में जब उनका आना हुआ था, तो उस समय पूरा इलाका जंगल था। रोड, पुलिया और टावर जैसा कुछ नही बना था। पूरे गांव का एक ही स्कूल था। वहां रोड बहुत खराब था तो चलना भी बहुत मुश्किल होता था। वह 22 साल से इस गांव में रह रहे हैं। अभी गांवों में बहुत बदलाव आ चुका है और गांव के लोगों ने सोचा कि उनको जंगल की सुरक्षा करना चाहिए। बच्चों को हर पेड़ के बारे में बताते है ताकि आगे चल कर वह लोग भी अपने जंगल की सुरक्षा करें। गांव वाले बच्चों को बीज दिखाते हैं। हर साल बच्चों का ग्रुप बना कर वृक्षारोपण करते हैं और उत्सुकता एवं खुशी से पौधे लगाते हैं। ऐसा करने से उनके आने वाले पीढ़ी को फल, फूल और शुद्ध हवा मिल सकेगी। अधिक जानकारी के लिए संपर्क@9407602369. (185730) GT