वनांचल स्वर: मंदिरों का महत्व और आस्था स्थल जो जंगल पहाड़ो पर है...

ग्राम-दमकसा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) शेर सिंह आँचला जो वनों पर शोध करते हैं, हमारे पूर्वजो ने हमें जो भी सिखाया है हम उसी को बढ़ाना और बचाना चाहते हैं। आस्था स्थल जो पहाड़ो पर है वो चमत्कारी है, रहस्यमयी है। तंत्र मंत्र और मंदिर के आधार पर मानते हैं। शोनादायी में एक गुफा है उसमें पानी अभी भी रहता है। दंतकथाएं प्रसिद्ध हैं, शोणखामिन माता का मंदिर है जो जल,वन और पर्वत से संबंध रखती हैं, अभी वहां माघी मेला लगा था। और भी कई मंदिर है पहाड़ो पर माता के प्राचीन समय पर राजाओं कि जब भी लड़ाई होती थी तो पूजा होती थी। पेड़ो पर जो मंदिर है उसमें महुआ का भी पेड़ है जिसमे से दूध निकलता है जिसको माता का दूध भी मानते हैं, इसलिए इसकी महत्वता अधिक है। महुआ का फूल सूखने के बाद भी नही सड़ता। महुआ बहुत ही उपयोगी है। बस्तर में इसी वजह से इनका बहुत महत्त्व है। (185825) GT

Posted on: Mar 12, 2021. Tags: CG KANKER SHERSINH ACHALA VANANCHAL SWARA

जल जंगल प्यारी- जन जन को मिले पर्यावरण शिक्षा...कविता-

ग्राम-दम्कसा, जिला-कांकेर(छ्त्तीसगढ़), हमें एक बुजुर्ग मिले जिन्होंने बगीचा में कई तरह के पेड़ पौधे, वनस्पती उगाई हुई है| वो कविता भी लिखते हैं उन्होंने बोर्ड पर कविता लिख बगीचे में लगे हें है| आइये पढ़ते हैं उनकी कविता-
जल जंगल प्यारी-
जन जन को मिले पर्यावरण शिक्षा-
पेड़ पौधे करें वन की रक्षा-
पशु पक्षी जीव जगत मानव हितकारी-
पेड़ पौधे वनस्पति जल जंगल प्यारी-
नवपल्लवित पेड़ पौधे नवपल्लवित पेड़ पौधे-
पेड़ पौधों की हरियाली से युक्त-
प्रकृति और पर्यावरण रहे प्रदूषण मुक्त-
पेड़ पौधे बढें, बने छायादार महल-
मिलेगी शुद्ध हवा, रहेंगे हरे भरे जंगल-
पेड़ पौधे जल जंगल अभिनन्दन करें-
प्रकृति नित नव रूप धरे-
ज्योति रूप सुरे चाँद तारे-
धरती माँ का गोद भरे-
अनंत रूप जग सारे न्यारे-
लता तरुवर स्वागत करते-
पक्षी जगत गुणगान करते-
कोटि कोटि हम नमन करे-
बंधन और अभिनन्दन करें-
प्रकृति की लीला अपरम्पार-
उसे प्रणाम मेरा बारम्बार...(185744)

Posted on: Mar 09, 2021. Tags: CG KANKER PRYAVARN POEM SHERSINH ACHALA

वनांचल स्वर: वनों और जीव जंतुओ के संरक्षण के लिये प्रयास होना चाहिये...

ग्राम-दमकसा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से निवासी शेरसिंह आँचला बता रहे हैं कि कोयलीबेड़ा गाँव पखांजुर तहसील के अंतर्गत आता है| गाँव के पास से मेढ़की नदी गुजरती है| उसी के पास घोड़ा बेड़ा गाँव है जहाँ पर सागौन के पेड़ पाये जाते हैं| घोड़ा बेड़ा के आगे भामराकोट पहाड़ी है जहाँ पर कुरसेल जल प्रपात है जो एक सुंदर जगह है| वहां पर कई तरह के जानवर पशु, पक्षी पाये जाते थे लेकिन अब वनों की कटाई और उत्खनन आदि के कारण ये सब ख़त्म होते जा रहे हैं इसलिये इनके संरक्षण के लिये प्रयास होना चाहिये |

Posted on: Mar 08, 2021. Tags: CG KANKER SHERSINH ACHALA VANANCHAL SWARA

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