नास्ते का दूकान लगाकर घर चलाते हैं, समस्या होती है लेकिन ये जीवन यापन का साधन है-
मिताई डे बता रहे हैं कि वे छत्तीसगढ़ के निवासी वर्तमान में भामरागढ़ महाराष्ट में रह रहे हैं, 22 साल से वहां रह रहे हैं, चाय नास्ते की दुकान चलाते हैं, इसी से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, जब से आये हैं तभी से इस काम को कर रहे हैं, ये काम उन्होंने अपने पैसे से शुरू किया था, कोई लोन नहीं लिया, उनका कहना है कि लोन हम गरीबो को नहीं मिलता है, मुद्रा लोन के लिये प्रयास किये थे लेकिन मिला नहीं, तब अपने से काम शुरू किया| इस काम में उन्हें दिक्कत भी होती है, कभी जगह से हटा दिया जाता है इस तरह से काम में समस्या है लेकिन घर चलाने के लिये काम करना है| (AR)