दहेज निषेध क़ानून 1961 में बना पर अब भी जारी, इसे नष्ट करने के लिए कानून बनाना काफी नही...
ग्राम-राजापुर, पोस्ट-लड़वारी, जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से मनोज कुशवाहा बता रहे हैं, दहेज प्रथा हमारे समाज में प्राचीन समय से व्याप्त एक संक्रामक बीमार की तरह है, जो हमारे समाज को नष्ट कर रहा है, गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरित मानस के अनुसार में उस समय दहेज़ का स्वरुप ऐसा नही था, बल्कि यह कन्या पक्ष द्वारा खुशी से वर पक्ष को दिया गया उपहार होता था, इस पर कोई दबाव नही होता था, सन 1961 के दहेज विरोधी अधिनियम के अनुसार दहेज़ लेना और देना दोनों ही दण्डनीय अपराध है लेकिन आज भी ये कुप्रथा चल रही है उनका कहना है कानून बनाने मात्र से सामाजिक बुराई खत्म नही हो सकती इसके लिए समाज को स्वयं ही आगे आना होगा| मनोज कुशवाहा@9516058859.
Posted on: Mar 12, 2018. Tags: MANOJ KUSHWAHA SONG VICTIMS REGISTER
जोगी खड़ो द्वारे करता सवाल माँ...गीत
ग्राम-राजापुर, पोस्ट-लड़वारी, जिला-टीकमगढ (मध्यप्रदेश) से मनोज कुशवाहा
एक गीत सुना रहें हैं :
जोगी खड़ो द्वारे करता सवाल माँ-
ना देवर ना घर में हमार बालमा-
जोगी की इच्छा ओ माँ डालो भिक्षा-
माँ डालों भिक्षा तुम्हारी परीक्षा-
हसीयों में कुटिया पे लेखा जाल माँ-
राखो ना परखा माँ पार करो रेखा...
Posted on: Feb 28, 2018. Tags: MANOJ KUSHWAHA SONG VICTIMS REGISTER
घर में साबुन बनाने की विधि...
ग्राम-राजापुर, पोस्ट-लडवारी, जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से मनोज कुशवाह साबुन बनाने की विधि बता रहे हैं, साबुन बनाने के लिए कांच के एक बड़े बर्तन में बेनौली का तेल या सोयाबीन का तेल लेकर उसमे समान आयतन में कास्टिक सोडा का सान्ध्र विलयन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिला लें, इसके बाद किसी छड से अच्छे से हिला लें अभिक्रिया के फल स्वरूप साबुन बनता है उस पेस्ट को चौकोर बर्तन में उलटकर ठंडा होने दें, साबुन ठंडा होकर जम जाता है होने के बाद पेस्ट जम जाता हैं उसके बाद चाक़ू से काटकर छोटी-छोटी बर्फियां बना ले. इस तरह से आप अपना खुद का साबुन बना सकते हैं और उसे बेच भी सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए संपर्क मनोज कुशवाह@9174493226.
Posted on: Feb 22, 2018. Tags: MANOJ KUSHWAH SONG VICTIMS REGISTER
जेलखाने में देवकी के लालन हुवे...गीत
ग्राम-राजापुर, पोस्ट-लडवारी, जिला-टीकमगढ (मध्यप्रदेश) से मनोज कुशवाहा एक गीत सुना रहे हैं:
जेलखाने में देवकी के लालन हुवे-
कंस मामा का जीना गजब हो गया-
आगे चंदा चले पीछे सूरज चले-
महज तारो का चलना गजब हो गया-
आगे रामा चले पीछे लक्ष्मन चले-
माता सीता का चलना गजब हो गया...
Posted on: Feb 05, 2018. Tags: MANOJ KUSHWAHA SONG VICTIMS REGISTER
बुंदेले हर बोलों की हमने सुनी कहानी थी...गीत
ग्राम-राजापुर, पोस्ट-लड़वाही, जिला-टीकमगढ (मध्यप्रदेश) से मनोज कुशवाहा
एक गीत सुना रहें हैं :
बुंदेले हर बोलों की हमने सुनी कहानी थी – खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी – सिंहासन हिल उठे राजवंषों ने भृकुटी तानी थी – बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी – गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी – डोर फिरंगी को करने की सब ने मन में ठानी थी...