एक गौटिया और उसके चरवाहे की कहानी-
गाँव में रवि नारायण पटनायक नाम का एक गौटिया रहता था, एक दिन उसका नौकर बैसाखू गाय-भैस चराने गया और कुछ काम पड जाने के कारण मवेशियो को छोड़कर घर चला गया, तभी वही पास के कुंए में नहाने के लिए गौटिया गया, उसने मवेशियों को बिना चरवाहे के देख कांजीघर में डाल दिया, जब चरवाहा काम कर वापस आया तो मवेशियो को ना देखकर घबराया और अपने मालिक के पास जाकर बताया, मालिक ने कहा जाओ कांजी में देखना, मवेशी वही पर थे, तब उसने नौकर को थप्पड़ मारकर कहा पैसा रख और मवेशियों को लेकर आ, नौकर ने कांजी वाले से पूछा कि मवेशियो को किसने दिया था, तो पता चला उसके मालिक ने ही दिया था, तब से वह सुधर गया|