दबंगो का जमीन पर जबरन कब्ज़ा, कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस मदद नही कर रही है...
नवाबगंज, जिला-कानपुर (उत्तरप्रदेश) से के.एम.भाई बता रहे है अजय कुमार यादव की जमीन ग्राम कटरी जेवरा तहसील, परगना में है, उनकी जमीन पर गाँव के दबंगो द्वारा कब्ज़ा किया गया है, जिसकी रिपोर्ट लिखाई गई है, परन्तु पुलिस के द्वारा प्रार्थी की कोई मदद नही की गई, जबकि जिला कोर्ट के द्वारा प्रार्थी के पक्ष में फैसला दिया गया है, बावजूद इसके रामेश्वर पिता बाबूलाल के द्वारा दबंगई के साथ कब्जा नही छोड़ रहे है, जिसमे नवाबगंज पुलिस भी दबंगो का साथ दे रही है, इसकी लिखित शिकायत थाना एस.ओ. एवं नगर ए.एस.पी. से की गई है. सीजीनेट के साथियों से मदद की अपील कर रहे है, कृपया मदद करे. के.एम.भाई@7985181117.
Posted on: May 26, 2018. Tags: K.M BHAI
नेताजी बन गए बलात्कारी, जनता हो गई बेचारी...कविता
जिला-कानपुर, (उत्तरप्रदेश) से के.एम. भाई कविता के माध्यम से आज के परिदृश्य में जिस प्रकार से देश में नेता व जनप्रतिनिधियों द्वारा शोषण और आत्याचार की घटनाएँ बढ़ती जा रही है उसी पर आधारित एक कविता सुना रहे है:
नेताजी कर रहे है सम्भोग, नेताजी बन गए बलात्कारी-
नेताजी बन गए बलात्कारी, जनता हो गई बेचारी-
खाकी वर्दी बिक गई सरेबाज़ार, दारोगा जी कर रहे है अत्याचार-
लोकतंत्र की है ये पुकार, ख़ूब करों व्यभिचार-
ना करे कोंई हाहाकार, न हो कोंई चीख पुकार...
Posted on: Apr 18, 2018. Tags: K.M BHAI
जब दिल में हो उमंग, मन में हो विश्वास...नववर्ष पर कविता -
कानपुर (उत्तरप्रदेश) से KM भाई नववर्ष के उपलक्ष में एक कविता सुना रहे है:
जब दिल में हो उमंग-
मन में हो विश्वास-
आँखों से झलके प्यार-
हल्की सी मुस्कान से-
हो सबका दिदार-
नव वर्ष का कुछ-
ऐसा हो आगाज़-
न रंग का घुमान हो-
न रूप का एक ही दिए से-
हर घर रौशन हो-
नयी मुस्कान के साथ-
नव वर्ष का विहान हो ...
Posted on: Jan 04, 2018. Tags: K.M BHAI
मजबूरी का मजदूर, मजदूर की जिंदगानी...कविता
कानपुर (उत्तरप्रदेश) से के.एम. भाई एक कविता सुना रहे हैं :
मजबूरी का मजदूर-
कभी अन्न तो कभी तन-
कभी भूख तो कभी दर्द-
कभी दवा तो कभी नशा-
कभी लाज तो कभी हया-
कभी सांस तो कभी जुआ-
मजबूरी का नाम मजदूर हुआ-
कभी गरीबी तो कभी बिमारी-
कभी बेबसी तो कभी लाचारी-
हर मजदूर की यही कहानी-
मजबूरी ही है हर-
मजदूर की जिंदगानी-
मजदूर की जिंदगानी ...
Posted on: Aug 30, 2017. Tags: K.M BHAI
नेतावों भारत छोड़ो, नेतावों भारत छोड़ो...कविता
कानपुर (उत्तरप्रदेश) से के.एम.भाई आजादी के 75 वर्ष पूरे होने और आज के परिदृश्य को देखते हुवे एक कविता सुना रहे हैं :
नेतावों भारत छोड़ो,नेतावों भारत छोड़ो-
अम्बानी टाटा माल्या भारत छोडो-
लोकतंत्र के व्यपारी,राजनीती के दलालो भारत छोडो-
शराब सवाब दंगा फसाद भारत छोड़ो-
शिक्षा माफिया धर्म के ठेकेदारो भारत छोडो-
भ्रष्ट न्याय पालिका,चूसक कार्य पालिका भारत छोडो...