आपका स्वास्थ्य आपके मोबाइल में : लौंग, चावल और अरंडी का औषधीय उपयोग-
चीनी के डिब्बे या चावल के बोरे में चीटिया लग जाती है तो अक्सर ग्रामीण इलाको में लोग 2-4 लौंग रख देते है. अक्सर आदिवासी इलाको में देखा जाता है कि जहाँ पर खाना बनाया जाता है या बनाया हुआ खाना जहाँ पर रखा जाता है उसके आसपास लौंग रख देने से चीटियां नही आएगी| ऐसे ही नमक जो वातावरण में नमी के कारण पसीज जाता है गीला-गीला सा हो जाता है उसको ठीक बनाये रखने के लिए नमक के बर्तन में 10 से 15 सूखे चावल रखने से नमक पसीजेगा नही | नाखूनों को सुन्दर, चमकीला बनाने के लिए अरंडी का तेल नाखूनों की परत पर लगाने से नाखून सुन्दर हो जाते है, जिन लोगो को सफेद धब्बे हो जाते है नाखूनों में वे भी ठीक हो जाते है | दीपक@7926467407
Posted on: Mar 03, 2017. Tags: DR DEEPAK ACHARYA SONG VICTIMS REGISTER
आपका स्वास्थ्य आपके मोबाइल में : तेज़ पत्तो के औषधीय गुण-
दीपक आचार्य तेज पत्तो के औषधीय गुणों के बारे में बता रहे है. तेज़ पत्तो में कृमि नाशक गुण है, सूखी पत्तियों का चूर्ण बनाकर प्रतिदिन रात में सोने से पहले २ ग्राम गुन-गुने पानी में घोल दिया जाये एवं वह सोने से पहले पीया जाये इससे पेट के कृमि मरकर मल के साथ निकल जाते है| पत्तियों का चूर्ण पेशाब से सम्बंधित जितनी भी समस्याऐ होती है उनके लिए बहुत लाभकारी होती है. दिन में दो बार २-२ ग्राम चूर्ण लेने से पेशाब से जुडी हर बीमारी में कारगर साबित होता है. हाई ब्लड सुगर के मरीजो के लिए भी फायदेमंद होता है. भोजन के साथ ही अगर इसका उपयोग औषधि के रूप में भी लिया जाता है तो बहुत ही फायदेमंद होगा। पत्तियों के साथ ही तेज़ पान की छाल और पूरा पेड़ ही लाभकारी होता है. दीपक आचार्य@7926467407
Posted on: Mar 02, 2017. Tags: DR DEEPAK ACHARYA SONG VICTIMS REGISTER
आपका स्वास्थ्य आपके मोबाइल में : आलू के औषधीय गुण
पारंपरिक तौर पर आलू का इस्तेमाल वनवासी अनेक फार्मूलो में सदियों से करते चले आ रहे है मध्यप्रदेश के पातालकोट घाटी की बात हो या गुजरात के डांग जिले की आलू को सब्जी के आलावा कई तरह के हर्बल नुस्खो में आजमाया जाता है मध्यम आकार के आलू का रस तैयार किया जाए और एक गिलास मात्रा में रस प्रतिदिन सबेरे लिया जाए तो पाचन तंत्र व्यवस्थित हो जाता है इस रस के सेवन से एसीडीटी नियंत्रण में बहुत फायदा होता है वनवासियों की मान्यता के अनुसार यह रस पेट के छालो के लिए भी बहुत कारगर है जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर हो उनके लिए डांग गुजरात के हर्बल जानकार एक खास नुस्खा तैयार करते है रोगियों को उबले आलुओ का सेवन करने की सलाह देते है और नई रिसर्च बताती है कि आलू में पोटेशियम पाया जाता है और ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाने के लिए बहुत कारगर रसायन है| जिन लोगो को वजन कम करना है उनके लिए भी आलू बड़ा खास है उबले आलूओ को नमक छिडक दे और उस व्यक्ति को दे जो वजन कम करना चाहता है| वनवासियों के अनुसार ये बात गलत है कि लोग जो सोचते है कि आलू मोटापा बढ़ाने में एक प्रमुख अंग है| लेकिन ऐसा नहीं होता मोटापा आलू की वजह से बढ़ता है बल्कि आलू को तलने या भूंजने के लिए जो तेल इस्तेमाल में लाया जाता है उससे वजन बढ़ता है उबला हुआ आलू वैसे भी खूब सारे कैलोरी को लिए नहीं होता है तो इसे उबालकर खाए वजन कम होगा जिनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो गई हो उन्हें भी आलू खाना चाहिए| उबले आलू हो या कच्चे आलू हो यदि कच्चे आलू हो तो उसे कुचलकर उसका रस बनाकर ले उबले आलू को नमक डालकर या सेंधा नमक डालकर जरुर खाए ये पोषक तत्वों की कमी दूर करने में बड़े कारगर है ताजे आलूओ को कुचलकर पेस्ट बनाया जाए और इन्हें घाव और जले हुए अंगो और जलन करने वाले छालो पर लगाए तुरंत राहत मिलेगी और इसी तरह जिन्हें नींद नहीं आने की शिकायत हो उन्हें उबले आलू खाने चाहिए उबले आलू के अम्लो के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और पेट में जो अम्ल है उनके स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है अक्सर अम्ल याने एसिड बढ़ जाए तो नींद अनियांत्रित हो जाती है ऐसे में उबला आलू बड़ा कारगर होता है|
Posted on: Feb 03, 2017. Tags: Deepak Acharya SONG VICTIMS REGISTER
आपका स्वास्थ्य आपके मोबाइल में : ज्वार के औषधीय गुण
ज्वार का आटा पानी में घोलकर शरीर में लेप करने से शरीर की जलन दूर हो जाती है. ज्वार के आटे को पानी में मिलाकर रात में उबाल लिया जाए और अँधेरी जगह में रख दिया जाये सुबह इसमें जीरा और छाछ मिला देएसीडीटी में काफी फायदा होता है| भुनी हुई ज्वार को खाने से पेट में जलन कम होती है. जिन महिलाओ को मासिक धरम के विकार होते है उन्हें ज्वार के भुट्टे को जलाकर छान ले और उसकी राख के संग्रहित कर ले | इसकी 3 ग्राम मात्रा रोज सुबह खाली पेट मासिक धरम चालू होने से लगभग एक सप्ताह पहले लेना शुरू करें और जब मासिक धरम शुरू हो जाये तो इसका सेवन बंद कर दे. ऐसा करने से मासिक धरम के सभी विकार नष्ट हो जाते है ज्वार की रोटी को प्रतिदिन छाछ में डुबोकर खाने से जिन्हें अधिक प्यास लगती है, वह सुबह से बंद हो जाती है. ऊँचे पहाड़ो पर चढाई करने से पहले वनवासी अक्सर ज्वार की रोटी और छाछ का सेवन करते है. पीलिया रोग होने पर वनवासी इसके बीजो को उबालकर रोगी को इसका पानी देते है| माना जाता है कि ये पीलिया के दुष्प्रभावो को कम करता है और साथ में हिपेटाईटिस रोग में भी बेहतरी से काम करता है. दीपक आचार्य@9824050784
Posted on: Jan 27, 2017. Tags: Deepak Acharya SONG VICTIMS REGISTER
आपका स्वास्थ्य आपके मोबाइल में : अरहर के दाल के औषधीय गुण
अहमदाबाद (गुजरात) से दीपक आचार्य अरहर के बारे में जानकारी दे रहे हैं. अरहर के पत्तों और दूब घास का रस समान मात्रा में नाक में डालने से माइग्रेन में लाभ होता है. जिन्हें ज्यादा पसीना आए उन्हें एक मुट्ठी अरहर एक चम्मच नमक और आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ लेकर सरसों के तेल में छोकना चाहिए और शरीर पर मालिश करना चाहिए| डांग गुजरात के वनवासी के अनुसार अरहर के कोमल पत्तों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी सूखने लगते है और जिन्हें दांत में दर्द की शिकायत हो उन्हें अरहर के पतों को चबाकर कुल्ला करने से दर्द ठीक हो जाता है| मध्यप्रदेश के पातालकोट के वनवासी के अनुसार अरहर के दाल के छिलकों सहित पानी में भिगोकर इस पानी से कुल्ला करने से मुहं के छाले ठीक हो जाते है| दीपक@9824050784