बुद्ध संग जो अधम पे जो शरणागत होए...बुद्ध के दोहे -
सुनील कुमार गिरीश पंकज द्वारा लिखित बुद्ध के दोहे सुना रहे हैं :
बुद्ध संग जो अधम पे जो शरणागत होए-
सत्संगति का फल मिले वह पापों को धोये-
पहले बस करुणा जगे फिर अन्तः का ज्ञान-
बिन इसके बनता नहीं नेक कोई इन्सान-
नहीं मिटा है वैर से ,कभी वैर दुष्कर्म-
शांति-स्नेह से मिले यही सनातन धर्म-
प्रेम-विजय हो क्रोध पर कंजूसी पर दान-
हारता सत्य से साधु से शैतान-
सत्य प्रेम और दान से मानव शुद्ध-
मनुजो में श्रेष्ठ कहते हैं यह बुद्ध-
बोले तो पहले करें, उस पर तनिक विचार-
ऐसे मितभाषी बने धरती के श्रृंगार-
रटने से क्या फायदा धरम-करम की बात-
अगर आचरण में रचा तो सच्ची सौगात...
Posted on: May 29, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
ज़िंदगी ने बहुत सिखाया कभी हँसाया कभी रूलाया...कविता -
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार किरण चावला की रचना सुना रहे हैं :
ज़िंदगी ने बहुत सिखाया-
कभी हँसाया कभी रूलाया-
वक़्त के हथौड़े खाकर-
हमें नेक इंसान बनाया-
हमने औरों का ग़म चुराया-
कोशिश की सबक़ों हँसाया-
फिर चाहे ख़ुद ग़म ही पाया-
दिल में बस सुकून तो आया...
Posted on: May 28, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
विधवा एक जिन्दा लाश, भारत की एक कुप्रथा : हमें अधिक विधवा विवाह का प्रयास करना चाहिए...
विधवा एक जिन्दा लाश: जब कोई महिला विधवा हो जाती है तो हमारा समाज ही उसकी दयनीय स्थिति के लिए परम्परा के नाम पर सबसे अधिक गुनहगार होता है जबकि दोष उस विधवा के ऊपर थोप दिया जाता है और उसकी सम्पूर्ण जिन्दगी को एक सफ़ेद कफ़न के साथ धकेल दिया जाता है इसका जिम्मेदार हमारा समाज ही है, हिन्दुस्तान की इस परंपरा को बदलना होगा ताकि विधवा भी अपनी जिन्दगी को एक नयी राह पर ला सके इसके लिए हमे विधवा के पुनर्विवाह के बारे में ऐसे कार्यक्रम करने होंगे और उन्हें एक नयी जिन्दगी देनी होगी, कह रहे हैं सुनील कुमार@9308571702 मालीघाट मुजफ्फरपुर बिहार से. वे कह रहे हैं हमारा देश हर मामले में आगे जा रहा है हमारी विधवा बहने भी पीछे नहीं रहनी चाहिये। सुनील कुमार@9308571702
Posted on: May 25, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
शोषण मुक्त करो जनता को एकता ने ललकारा है...एकता गीत -
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक जागरूकता गीत सुना रहे हैं :
शोषण मुक्त करो जनता को एकता ने ललकारा है-
जुल्म रोक दो न्याय चाहिए आज हमारा नारा है-
खून-पसीना बहता निसदिन फिर भी मानव भूखा है-
शोषण के रिमझिम पानी में मेरा सावन सूखा है-
गावं-गली के ये निर्धन भूखे कोई नहीं सहारा है-
आओ मिलकर संघ बनाये ताकत नयी जगानी है-
ये तस्वीर बदलनी होगी देकर के कुर्बानी है-
देने आया एकता के द्वारे वो अधिकार हमारा है-
गाँधी जी का सुन्दर सपना एकता का सन्देश है-
गाँव में भारत रहता प्यारा मेरा देश है-
भूखा नहीं रहेगा कोई यह संकल्प हमारा है-
शोषण मुक्त करो जनता को एकता ने ललकारा है...
Posted on: May 25, 2017. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
चम्पारण सत्याग्रह की सौवीं वर्षगाँठ पर आयोजित गांधी फिल्म फैस्टिवल में देखने लोग नहीं आ रहे...
सरकार ने गांधी पर बने फिल्मों को दिखाने के लिए एक फिल्म शो शुरू किया है जो विभिन्न शहरों में जा रहा है जहां गांधी पर बने फिल्मो को एक साथ देखा जा सकता है पर एक अधिकारी कह रहे हैं कि इसके लिए थियेटर में अधिक भीड़ नहीं हो रही है इसे देखने इक्का-दुक्का लोग ही आ रहे हैं. इससे जुड़े साथी बता रहे हैं कि यद्यपि सरकार ने चम्पारण आंदोलन की १०० वीं वर्षगाँठ के अवसर पर यह अच्छी पहल की है पर सरकार के अन्य हिस्से इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं जैसे शिक्षा विभाग को इसमें बच्चों को भेजना चाहिए था. उनका कहना है कि गाँधी जी जब बिहार आये थे तो उन्होंने किसानों की मदद की थी और इन फिल्मों में यह देखे कि कैसे गाँधी ने बिना हथियार के ब्रिटिश शाशन को भारत से हटाया था| सुनील कुमार@9308571702.