विधवा एक जिन्दा लाश, भारत की एक कुप्रथा : हमें अधिक विधवा विवाह का प्रयास करना चाहिए...
विधवा एक जिन्दा लाश: जब कोई महिला विधवा हो जाती है तो हमारा समाज ही उसकी दयनीय स्थिति के लिए परम्परा के नाम पर सबसे अधिक गुनहगार होता है जबकि दोष उस विधवा के ऊपर थोप दिया जाता है और उसकी सम्पूर्ण जिन्दगी को एक सफ़ेद कफ़न के साथ धकेल दिया जाता है इसका जिम्मेदार हमारा समाज ही है, हिन्दुस्तान की इस परंपरा को बदलना होगा ताकि विधवा भी अपनी जिन्दगी को एक नयी राह पर ला सके इसके लिए हमे विधवा के पुनर्विवाह के बारे में ऐसे कार्यक्रम करने होंगे और उन्हें एक नयी जिन्दगी देनी होगी, कह रहे हैं सुनील कुमार@9308571702 मालीघाट मुजफ्फरपुर बिहार से. वे कह रहे हैं हमारा देश हर मामले में आगे जा रहा है हमारी विधवा बहने भी पीछे नहीं रहनी चाहिये। सुनील कुमार@9308571702