Madhu Limaye, a constant companion in struggles for rights of the people...
Madhu Limaye a close confidant to Lohia, was a great scholar of parliamentary politics. He usually contested elections from Bihar. His active participation and sharp questions in the parliament often kept the governing power on its toes. He actively raised his voice against the Janata party coalition which came to power in 1977 and thus left the Janata party on the issue of dual membership. A believer in the rights of the community and the self, a constant companion in the struggle for rights, Madhu Limaye, I salute you.
Posted on: Jan 10, 2018. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
चल रही है शीत लहरी, शीत लहरी चल रही...ठण्ड पर कविता -
विश्वविद्यालय के छात्र इम्तियाज़ अहमद ठंड में ठिठुरते लोगों कपड़े कम्बल से मदद कर रहे हैं, उनके इस जज्बे को सलाम करते मुजफ्फरपुर से सुनील कुमार एक कविता पेश कर रहे हैं :
चल रही है शीत लहरी, शीत लहरी चल रही-
क्या कहें हम रात को हमको दुपहरी खल रही-
जानते हो बुझ गये कैसे शहर के सब अलाव-
खा गये नब्बे कमीशन, दस की लकड़ी जल रही-
फुटपाथ पर बूढ़े भिखारी मर रहे हैं ठंड से-
रहनुमाओं के यहां कुतिया विदेशी पल रही...
Posted on: Jan 10, 2018. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
To pull up oneself after falling is an embodiment of greatness: Confucius...
Chinese philosopher Confucius said, it’s easy to fall and there is no greatness in one’s life without a fall but to pull up oneself after falling is itself an embodiment of greatness, successful and best is he who talks less and works more, never entrust anyone with a work which you otherwise dislike yourself. Always do what pleases you only then can you eliminate helplessness pervading over every decision. You will always reach your mark even if you are slow provided you never stop, to hate others is easy but to love them is difficult. Good things unlike bad things are tougher to obtain in life, one who never learns from mistakes repeats them.
Posted on: Jan 09, 2018. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
देश का नक्शा तब बदलेगा, नौजवान जब जागेंगे...युवा गीत -
सुनील कुमार रमेश ठाकुर चकोर की एक रचना सुना रहे है:
देश का नक्शा तब बदलेगा-
नौजवान जब जागेंगे-
अमर शहीदों की रूहों से-
इंकलाब जब मांगेंगे-
नेताओं के अनुचर बनकर-
जबतक दूम डुलायेंगे-
राष्ट्र रसातल में जायेगा-
स्वयं ठोकर खाएंगे-
हुक़्मरां को फ़िक्र है अपनी-
और अपने परिजन की है-
गा लेते हैं “जनगण”लेकिन-
सोंच कहाँ जनगण की है-
तब तक ये अपना दिखते हैं-
जबतक कुर्सी हाथ नहीं-
जीत गए,ग़र सज्जन हो तो-
करते हैं क्या बात कभी-
हक़ मांगोगे,बेरोज़गार हो-
बात करेंगे गोली से-
सत्ता पाते यारी करते-
लुटेरों की टोली से...
Posted on: Jan 08, 2018. Tags: SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
चना मुड़ी चना से सिकरी परण से...खिलौना गीत -
मालीघाट ,जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक खिलौना गीत सुना रहे हैं:
चना मुड़ी चना से सिकरी परण से-
जिकरा में गोटी परे से चले बग्ग से-
चले बाग्ग से,चले बग्ग से-
छपर पर दो मोर नाचे उपर बोले कौवा-
बाघ बगीचा लहिकन खेले गुल्ली डंडा चौवा-
दाना मुरगी दाना से दानापुर के दाना से-
जेकरा में गोटी परे चल बाग्ग से-
अगल बगल में लतर बीच में कलेक्टर-
खेत जोत के बोझा लेके आहिल नया ट्रेक्टर-
दाना मुरगी दाना से दाना खाना मुरगी खाना से...