चांदी की नदिया सोने का पर्वत, नीलम का मेरा बिहार है...लोक गीत-
भागलपुर (बिहार) से किलकारी बाल केंद्र के वार्षिकोत्सव पर आसुतोष झा, अमन राज, सूरज कुमार, हर्ष कुमार और अमन कुमार एक लोक गीत सुना रहे हैं :
चांदी की नदिया सोने का पर्वत-
नीलम का मेरा बिहार है-
उत्तर पहाड़ है, दक्षिण पठार है-
समतल में गंगा और यमुना की धार है-
जगह-जगह जंगल है, गांव में मंगल है-
उपवन में मस्ती बहार है, नीलम का मेरा बिहार है...
Posted on: Apr 10, 2019. Tags: BHAGALPUR BIHAR SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
हर चेहरे पर थिरक रही हो, सुंदर प्यारी किलकारी...गीत-
भागलपुर (बिहार) से किलकारी बाल केंद्र के वार्षिकोत्सव पर सुनील कुमार बच्चो के साथ एक प्रार्थना गीत सुना रहे हैं :
हम अबोध नन्हे बच्चो के दुनिया हो इतनी न्यारी-
हर चेहरे पर थिरक रही हो, सुंदर प्यारी किलकारी-
इस जग में मेरे सब अपने गैरो की धारणा न हो-
मन मेरा बन जाये मधुवन, बदले की भावना न हो-
जिधर भी देखो इस धरती पर, खुशियों की हो फुलवारी-
हर चेहरे पर थिरक रही हो, सुंदर प्यारी किलकारी...
Posted on: Apr 10, 2019. Tags: BIHAR SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
हाय रे हाय कीजा तैयाजी पुड के जा तै पटना...लोक गीत-
नातनगर, चंपानगर, भागलपुर (बिहार) से अमन कुमार एक लोक गीत सुना रहे हैं :
हाय रे हाय कीजा तैयाजी पुड के जा तै पटना-
के जा तै बेतिया शहरबे हाय रे या-
हाय रे हाय कीजा तैयाजी पुड के जा तै पटना-
हाय रे हाय बाबा जा तै हाजी पुड भईया जा तै पटना-
स्वामी जा तै बेटिया शहर बे हाय रे हाय-
हाय रे हाय बाबा जा तै हाजी पुड भईया जा तै पटना...
Posted on: Apr 07, 2019. Tags: BIHAR FOLK SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
लीचिया लाले लाल, ऐ सईयां मुजफ्फरपुर से लईहा...गीत-
मालीघाट, मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार होली की बधाई देते हुए एक गीत सुना रहे हैं :
लीचिया लाले लाल, ऐ सईयां मुजफ्फरपुर से लईहा-
नहीं मन बटईय न, बराबट जईबा-
छुट जईहे गऊवां, जवारवा हो-
होली के दियन होके जईया-
सईंया मत जा बिदेश-
होली के दियन होके जईया...
Posted on: Mar 18, 2019. Tags: BIHAR SONG SUNIL KUMAR VICTIMS REGISTER
रंग गुलाल उड़वा फागुन में...फागुन गीत-
छत्तीसगढ़ी, भोजपुरी विकास मंच मुजफ्फपुर (बिहार) से सुनील कुमार होली त्योहार के शुभकामनाओं के सांथ एक फागुन गीत सुना रहे हैं :
रंग गुलाल उड़वा फागुन में-
तन से उड़वा हो मन से उड़वा-
प्रेम के रंग फैलावा हो-
प्रेम के रंग फैलावा फागुन में, रंग गुलाल उड़वा-
रंग गुलाल उड़वा फागुन में...