सारी दुनिया आह कर रही कृपा करो जगदीश...कविता-
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से विरेन्द्र गंधर्व राम नवमी के अवसर पर एक कविता सुना रहे हैं:
रावण के तो दस शीश थे कोरोना के हजारो शीश – सारी दुनिया आह कर रही कृपा करो जगदीश-
सस्त्रो से है नहीं सम्भव इस असुर से संग्राम-
घर बैठे सब मिलकर बोलो जय हो जय श्री राम-
सारे जग में मचा रहा है यह असुर कोहराम-
ऐसी कोई औषधि बने जो इसके लिये हो विष-
सारी दुनिया आह कर रही कृपा करो जगदीश-
रावण के तो दस शीश थे कोरोना के हजारो शीश...