बाबा साहब की संतान, श्रृष्टि का वरदान है चमार...कविता-
कानपुर (उत्तर प्रदेश) से के एम भाई डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के अवसर पर एक कविता सुना रहे हैं :
मै भी चमार-
बाबा साहब की संतान, श्रृष्टि का वरदान है चमार-
लोकतंत्र का सच्चा प्रहरी, वतन की शान है चमार-
जालिमों का नाशक, संघर्ष की पहचान है चमार-
अँधेरे में प्रकाश, गुणों की खान है चमार...