दिलो में जूनून है और जुबां पे इंकलाब...कविता-
कानपुर (उत्तर प्रदेश) से के एम भाई शहादत दिवस के अवसर पर एक कविता सुना रहे हैं:
दिलो में जूनून है और जुबां पे इंकलाब-
सलामी के लिये उमड़ा है, बदलो का ये सैलाब-
याद करके बलिदान तुम्हारा-
जश्न में डूबा है वतन सारा-
हर जुबां पे होगा इंकलाब का नारा...