हम जब सावन, कुँवार और चैत के महीने में नशा, मांस में परहेज रह सकते है तो पूरे साल क्यों नहीं?
हेम सिंह मरकाम, ग्राम-सिंगपुर, तहसील-पंडरिया, जिला-कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से छत्तीसगढ़ी भाषा में बोल रहे है कि जिस प्रकार से लोग एक महीना सावन के महीने में, पन्द्रह दिन चैत के महीने और पंद्रह दिन कुवार में भी खासकर दारु और मांस के सेवन से धार्मिक कारणों से परहेज कर अपने स्वास्थ्य और पैसे दोनों की बचत करते है उसी प्रकार से बांकी साल भर क्यों नहीं करते ? यदि किया जाये तो हमारा देश और प्रदेश नशा मुक्त हो सकता है हम भी अपने सेहत और धन की बचत कर सकते हैं और अपने देश को बेहतर बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं. उनका आव्हान है कि आइये हम सब मिलकर इस मुहिम का हिस्सा बने | इस काम को कैसे किया जाए इसके लिए कृपया सुझाव दीजिये | हेम सिंह मरकाम@9575248234