बिना पहिरे चुनरिया ना माने मोरा जिया...बघेलखंडी लोकगीत
बिना पहिरे चुनरिया ना माने मोरा जिया
चुनरी मंगाई दो लंहगा मंगाई दो
अब चुनरी माँ गोट लगा दो पिया
महला बनवा दो अटारी बनवा दो
एक छोटा सा खिरकी लगवा दो पिया
बिना झांके न माने मोरा जिया
बागा लगा दो बगीचा लगा दो
एक छोटा सा निम्बुला लगवा दो पिया
बिना तोड़े न माने मोरा जिया
बिना पहिने चुनरी न माने मोरा जिया
जेठ बोलाय दो जेठानी बोलाय दो
एक छोटा सा देवर बोलवा दो पिया
बिना बोली करे न मने मोरा जिया
Posted on: Dec 01, 2013. Tags: Nirmala Rewa
एनटीपीसी का करियो विरोध एनटीपीसी ना आवे
यह संदेश निर्मला जी का रीवा जिले से है ,जो पावर प्लांट के विरोध में एक गीत गा रही है जिसके माध्यम से वह बता रही है की यदि पावर प्लांट बन गया तो हमारे जल जंगल नष्ट हो जायेंगे आदिवासियों की आजीविका के साधन तेंदू और दूसरी वनोपज भी नष्ट हो जाएगी और आदिवासियों के सामने जीवन मरण का सवाल खड़ा हो जायेगा.
एनटीपीसी का करियो विरोध एनटीपीसी ना आवे
हा हा रे एनटीपीसी ना आवे
रुपया पैसा वो भी चुक गई
धरती अनाज उगाहो रे
अपने बच्चे को पलाबेय
सारे जंगल की महुआ उजाड़ गई
एन टी पी सी का करियो विरोध एनटीपीसी ना आवे
Posted on: Sep 16, 2013. Tags: Nirmala Rewa
गरीबों की लड़की निभाना पड़ेगा...बघेलखंडी विवाह गीत
फूल गिरे जल में उठाना पड़ेगा,
गरीबों की लड़की निभाना पड़ेगा
मम्मी ने सेई पाली बड़े लाल प्यार से,
पापा ने मुझे किये पति के सहारे
चाची ने सेई पाली बड़े लाल प्यार से,
चाचा ने मुझे किये पति के सहारे
भाभी ने सेई पाली बड़े लाल प्यार से,
भैया ने मुझे किये पति के सहारे
Posted on: Aug 19, 2013. Tags: Nirmala Rewa
सासु हमहू झूलन झूले जबै हो...बघेलखंडी सावन गीत
सासु हमहू झूलन झूले जबै हो
जाति दरी के छूटी कटोरी
अब लौटत के बड़े परिवार हो
जाति के दौरे चाँद बदन अब
सासु हमहू झूलन झूले जब हो
Posted on: Jul 26, 2013. Tags: Nirmala Rewa
फगुनिया अजब बहार, चैत गोरी चली नइहर को...होली गीत
फगुनिया अजब बहार, चैत गोरी चली नइहर को
पहिले बुलैये ससुर मेरे आये, ससुर के संगे के ना जावे हो।
फगुनिया अजब बहार, चैत गोरी चली नइहर को।
दूसरे बुलैये जेठ मेरे आये, जेठ के संग ना जावे हो।
फगुनिया अजब बहार, चैत गोरी चली नइहर को।
तीसरा बुलैये देवर मेरे आये, देवर के संग ना जावे हो।
फगुनिया अजब बहार, चैत गोरी चली नइहर को।