लकड़ी के मकानों में चिरागे न जलाना...गजल-
उत्तरप्रदेश से शिवकुमार एक गजल सुना रहे हैं:
गम देके रुलाते हो हंसाने नही आते-
ये लोग तो नये हैं-
पुराने नही आते-
लकड़ी के मकानों में चिरागे न जलाना-
लगी आग पडोसी भी बुझाने नही आते-
सूखा है पेंड राह का राही नही आते...(AR)
Posted on: Feb 25, 2021. Tags: GAJAL
आप घर कर गये है आँखों में...गजल-
जिला-बलरामपुर (छत्तीसगढ़) से चंद्रप्रकाश एक गजल सुना रहे हैं:
राज की बात कह गया चेहरा-
बन गया दिल का आइना चेहरा-
राज की बात कह गया चेहरा-
आप घर कर गये है आँखों में-
कैसे देखेंगे दूसरा चेहरा-
बन गया दिल का आइना चेहरा...(AR)
Posted on: Feb 21, 2021. Tags: GAJAL
राहों पे नजर रखना...गजल-
जिला-मुंगेर (बिहार) से दीपक कुमार एक गजल सुना रहे हैं:
राहों पे नजर रखना,होंठों पे दुआ रखना-
आ जाये कोई सायद-
उसका भी पता रखना-
एहसास की सम्मा को-
उस तरह जला रखना-
अपनी भी खबर रखना,उसका भी पता रखना...(AR)
Posted on: Feb 16, 2021. Tags: GAJAL
बेफाइयो से तेरा मुस्काराना, याद आने के काबिल नहीं है -गजल
(उत्तरप्रदेश) से अब्दुल कुमार गजल सुना रहे है|
बेफाइयो से तेरा मुस्काराना – याद आने के काबिल नहीं है – इस कदर जुल्म उठाई है तुमने – सर उठाने की काबिल नहीं है—मैंने खतरे से उनको बुलाया – आके आशिश ने दुखड़ा सुनाया... (184131)