आजकल हमारे युवा इस पर काफी सोच रहे हैं कि हमारी गोंडी संस्कृति को कैसे बचाया जाए...
जामुन ढाना, ग्राम-धावडी, जिला-बैतूल (मध्यप्रदेश) से दशरथ इरपाचे अपनी गोंडी भाषा में हमें उनके इलाके से एक सुखद समाचार बता रहे है कि बता रहे हैं कि उनके गाँव के युवा लोग आज कल यह बहुत सोच रहे है कि हमारे गोंडवाना संस्कृति को कैसे बचाया जाए और उसको कैसे आगे बढाया जाए और धर्म संस्कृति को कैसे बचाना है उसके सम्बन्ध में आजकल वे लोग काफी बातचीत आपस में कर रहे है| और उनके क्षेत्र में एक पारंपरिक गोंडी डंडार का सामूहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है उसी से सम्बंधित कल एक गीत भी सीजीनेट के साथियों को सुनायेंगे, आप इंतज़ार कीजिये| दशरथ इरपाचे@8120217335.
Posted on: May 15, 2018. Tags: DASHRATH IRPACHE GONDI
गोंड समाज के इरपाचे गोत्र के साथियों की महाराष्ट्र में हो रही पूजा से गोंडी भाषा में रिपोर्ट...
जामुन ढाना, ग्राम-धावडी, जिला-बैतूल (मध्यप्रदेश) के दशरथ इरपाचे इस वक्त महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले के वरुड तहसील में है, जहां इरपाचे सरनेम वालो का गाड्वा पूजा हो रहा है मतलब वे सभी मिलकर उनके एक अंगा देव की पूजा कर रहे हैं | वे अपनी गोंडी भाषा में यह बता रहे हैं कि विशाल इरपाचे परिवार के सदस्य महाराष्ट्र बार्डर के इस इलाके में पेन पूजा कर रहे हैं | यहाँ पर वे साथियों से गोंडी के मानकीकरण के बारे में भी बातचीत कर रहे हैं जिससे गोंडी की मानक शब्दावली का जो काम २०१४ से शुरू हुआ है वह काम जल्द समाप्त हो और गोंडी में प्रशासन, शिक्षा और पत्रकारिता का काम शुरू हो. दशरथ इरपाचे@8120217335.
Posted on: May 11, 2018. Tags: DASHRATH IRPACHE GONDI
हमारे यहाँ गोंड आदिवासी आजकल नागदेव की पारंपरिक नवेद पूजा कर रहे (गोंडी भाषा में)
ग्राम-धावडी, जिला-बैतूल (मध्यप्रदेश) से दशरत इरपाचे के साथ संतोष है जो बता रहे है कि उनके आदिवासी समाज में इन दिनों नवेद पूजा की जा रही है यह पूजा नागदेव के नाम पर किया जा रहा है| इसमें क्षेत्र के बहुत लोग शामिल हुए है और यह पूजा पाट ढोल बाजे और नाच के साथ किया जा रहा है जिसकी आवाज़ पीछे से सुनाई दे रही है और इसमें बकरे की बलि दी जाती है, नागदेव की मूर्ती भी स्थापित है और दूर दूर के गाँव से आए अतिथियों को कार्यक्रम के अंत में खाना खिलाया जाता है | इस तरह की परम्परा हमारे क्षेत्र में बहुत दिनों से चल रही है| ऐसा वे गोंडी भाषा में बता रहे है. दशरथ इरपाचे@8120217335.
Posted on: Apr 26, 2018. Tags: DASHRATH IRPACHE GONDI
गोंड समाज में लडकी के घर बारात जाने की प्रथा फिर शुरू करना चाहते हैं (गोंडी भाषा में)...
जिला-बैतूल (मध्यप्रदेश) से दशरत इरपाचे बता रहे है कि पहले हमारे आदिवासी समाज में लड़के के घर में लड़की की बारात जाती थी | लेकिन अब हमारे तरफ भी लड़की के घर लड़के को बारात लेकर आना पड़ता है और लड़की के घर से शादी होती है| लोग फिर से सोच रहे है कि फिर से पुरानी परम्परा शुरू हो और बारात लड़की के घर पर जाए और वहीँ पर शादी हो| अभी हम लोग फिर से उस परम्परा को शुरू कर रहे है हिडनी गाँव से लड़की को सजाकर भगत लाएगा और लड़के को भी वहीं पर लाया जायेगा और सामूहिक तौर से शादी किया जायेगा| अभी तक 5-6 जोड़े तैयार हुए है बड़ेदेव मंदिर में पर सामूहिक शादी किया जायेगा|